श्रीलंका में आर्थिक संकट को लेकर विरोध प्रदर्शन, रोकने के लिए 36 घंटे का कर्फ्यू लगाया गया

श्रीलंका (Sri Lanka) में बिगड़ती आर्थिक स्थिति को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इस विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के द्वारा आपातकाल (emergency) की घोषणा के बाद श्रीलंका सरकार (Sri Lankan government) ने देश भर में आज शाम 6 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक के लिए कर्फ्यू (curfew) लगा दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सरकार के सूचना विभाग ने कहा कि राष्ट्रपति को दी गई शक्तियों के तहत शनिवार शाम 6 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक देश भर में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
श्रीलंकाई सरकार की गजट अधिसूचना के अनुसार, राजपक्षे ने कहा कि सार्वजनिक सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था की सुरक्षा और आपूर्ति के रखरखाव को सुनिश्चित करने के लिए निर्णय लिया गया। वहीं सरकार ने राष्ट्रपति राजपक्षे के आवास के पास हिंसक प्रदर्शन को आतंकवाद का एक कार्य करार दिया है और इस घटना के लिए विपक्षी दलों से जुड़े "चरमपंथी तत्वों" को जिम्मेदार ठहराया है।
जानकारी के अनुसार, रविवार को देशव्यापी विरोध का आह्वान किया गया है। क्योंकि देश अन्य देशों से आयात में असमर्थ है। फरवरी में श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार गिरकर 2.31 अरब डॉलर पर आ गया। इसने इसके आयात को रोक दिया, जिससे कई जरूरी वस्तुओं की भारी कमी हो गई है। ईंधन की आपूर्ति कम है, बिजली कटौती बढ़ गई है, खाद्य कीमतें आसमान छू रही हैं। इसके चलते विरोध हर दिन तेज होता जा रहा है।
भारत से 40,000 मीट्रिक टन डीजल की एक खेप श्रीलंका पहुंची
कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले दो वर्षों में विदेशी मुद्रा भंडार में 70 प्रतिशत की गिरावट आई है। यही वजह है कि देश आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। बता दें कि इस संकट से निपटने के लिए भारत से 40,000 मीट्रिक टन डीजल की एक खेप शनिवार को श्रीलंका पहुंची है। श्रीलंका में बिजली कटौती को कम करने के लिए भारत से इस तरह की सहायता की ये चौथी खेप है।
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