श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच कैबिनेट ने दिया इस्तीफा, पीएम राजपक्षे अभी भी पद पर

श्रीलंका में आर्थिक संकट के बीच कैबिनेट ने दिया इस्तीफा, पीएम राजपक्षे अभी भी पद पर
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हालांकि, प्रधानमंत्री को छोड़कर कैबिनेट (cabinet resigned) ने इस्तीफा दे दिया है। देश में जारी संकट के बीच प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (President Gotabaya Rajapaksa) से मुलाकात की।

श्रीलंका (Sri Lanka) के प्रधानमंत्री कार्यालय (Prime Minister's Office) ने एक बयान जारी कर पीएम महिंदा राजपक्षे (PM Mahinda Rajapaksa) के इस्तीफे के बारे में सभी अफवाहों का खंडन किया है। हालांकि, प्रधानमंत्री को छोड़कर कैबिनेट (cabinet resigned) ने इस्तीफा दे दिया है। देश में जारी संकट के बीच प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे (President Gotabaya Rajapaksa) से मुलाकात की।

सूत्रों के मुताबिक, बैठक में पीएम के इस्तीफे की अटकलों को और बल दिया है। बैठक के दौरान कई अहम राजनीतिक फैसले लिए जाने की उम्मीद है। श्रीलंका के शिक्षा मंत्री दिनेश गुणवर्धने ने कहा कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और पीएम महिंदा राजपक्षे को छोड़कर देश की कैबिनेट ने रविवार को देर रात हुई बैठक में अपने पदों से सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है।

श्रीलंका के खेल मंत्री नमल राजपक्षे ने ट्वीट करते हुए कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति के सचिव को सभी विभागों से उनके इस्तीफे की सूचना 'तत्काल प्रभाव' से दे दी है। उम्मीद है कि यह लोगों और एलकेए की सरकार के लिए स्थिरता स्थापित करने के लिए महामहिम और प्रधान मंत्री के निर्णय की सहायता कर सकता है। श्रीलंका के पूर्व मंत्री विमल वीरावांसा ने भी राष्ट्रपति से मुलाकात की और देश में मौजूदा संकट को हल करने के लिए एक सर्वदलीय अंतरिम सरकार नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा।

बढ़ती मुद्रास्फीति और कमजोर मुद्रा ने श्रीलंका में बुनियादी वस्तुओं की कीमतों ने आसमान छू लिया है। एक अभूतपूर्व आर्थिक मंदी के दौर में द्वीप राष्ट्र में लोग ईंधन, भोजन और दवाइयां खरीदने के लिए घंटों कतारों खड़े होते हैं। दुकान का माल खत्म होने या लोगों के पास कम पैसे रह जाने की वजह से उन्हें कई बार खाली हाथ ही लौटना पड़ता है।

संकट के मद्देनजर सरकार के खिलाफ जनता का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। राजधानी सहित देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं, आंदोलनकारियों ने राजपक्षे शासन को आवश्यक वस्तुओं की कमी और लंबे समय तक बिजली की कटौती के लिए दोषी ठहराया है।

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