'मैं उठा तो मेरे पैर जमीन पर नहीं', तुर्किये भूकंप में आंखों के सामने परिवार को खोने वाले फरहाद की कहानी..

मैं उठा तो मेरे पैर जमीन पर नहीं, तुर्किये भूकंप में आंखों के सामने परिवार को खोने वाले फरहाद की कहानी..
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तुर्किये, सीरिया, लेबनान और इजराइल में आए भूकंप की कहानी व्यक्त करते हुए फरहाद की कहानी दिल को झकझोर देने वाली है। जानिए पूरी कहानी...

तुर्किये, (Turkey) सीरिया, (Syria) लेबनान (Lebnan) और इजरायल (Israel) सोमवार की सुबह भूकंप (Earthquake) से दहल उठे। जिसकी तीव्रता 7.8, 7.6 और 6.0 मापी गई थी। इसके बाद का मंजर दिल को दहला देने वाला था। लोगों की आखों के सामने ही पलक झपकते ही इमारतें तबाह हो रही थी। तर्की में इससे पहले लोगों को बर्फीले तूफान और तेज हवाओं से परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। वहीं, दूसरी तरफ इस भूकंप से लोगों को उबरने में काफी समय लगेगा। इस तेजी के साथ आए भूकंप ने अब तक 4300 लोगों को मौत के मुंह में धकेल दिया है।

आंखों देखी मंजर को व्यक्त करता फरहाद

तुर्किये के अजमारिन में रहने वाले फरहाद (Farhad) ने अमेरिका के एक निजी चैनल पर अपनी कहानी को बयां किया। फरहाद ने कहा कि यह सब मेरे लिए देखना बहुत ही भयावह था। मैनें ऐसे मंजर का सामना कभी नहीं किया था। फरहाद बताते हैं कि मेरे मुल्क में मौसम काफी दिनों से खराब ही चल रहा था। यहां कई दिनों से बर्फबारी और बारिश हो रही है। उस वक्त करीब सुबह के चार बज रहे थे। मुझे वहां पर कांच के टूटने की आवाज आई, पहले तो मुझे लगा कि किसी ने तेजी के साथ पत्थर मारा है, लेकिन जब मैं उठा तो मेरे पैर जमीन पर नहीं रूक रहे थे।

मैंने जल्दी-जल्दी अपने परिवार के सभी सदस्यों को उठाया। सभी को बाहर की तरफ जाने के लिए बोला। मेरे माता-पिता बुजुर्ग थे तो उन्हें उठने में काफी समय लग गया। इतनें में, मैं कुछ समझ पाता कि गैरेज का एक हिस्सा उनके ऊपर आ गिरा और वे उसके नीचे दब गए। काफी समय बाद उनके शव को मलबे के नीचे से बाहर निकाला। जब माता- पिता के शव को मैंने बाहर निकाला तो उसके बाद मेरी पत्नी और बेटा जो सड़क के किनारे खड़े हुए थे, भूकंप के दूसरे झटके के बाद बराबर की एक बिल्डिंग उनके ऊपर आ गिरी। जिसके बाद मानों सबकुछ खत्म हो गया हो। मेरा परिवार मेरे लिए मेरी जिंदगी थे, अब न जानें मैं किसके लिए जीऊगां।

बता दें कि सोमवार को तुर्की और सीरिया में विनाशकारी भूकंप से 4300 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जबकि 15 हजार से अधिक लोग घायल हुए हैं। मौतों का आकड़ा लगातार बढ़ा जा रहा है। बचाव कार्य का जारी है। सरकार ने 7 दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है।

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