तालिबान ने अमेरिका की कैद में 6 साल रहे खूंखार आतंकी को बनाया रक्षा मंत्री

तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा कर लिया है। जिसके बाद तालिबान ने अफगानिस्तान में सरकार (Government) बनाने की कवायद शुरू कर दी है। तालिबान ने यह कवायद जब शुरू की है जब उसने राजधानी काबुल पर कब्जा किया है। तालिबान, सरकार के गठन से पहले अफगानिस्तान को चलाने के लिए अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी के लिए लोगों की नियुक्ति कर रहा है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तालिबान ने इसी क्रम में विश्व की सबसे खतरनाक जेल के कैदी और शांतिवार्ता के विरोधी रहे आतंकी को देश के रक्षा विभाग की कमान सौंप दी है। तालिबान ने 20 वर्ष के बाद अफगान में वापसी करने वाले ग्वांतानामो बे जेल के पूर्व बंदी मुल्ला अब्दुल कय्यूम जाकिर (Mullah Abdul Qayyum Zakir) को अफगानिस्तान का अंतरिम रक्षा मंत्री नियुक्त किया है। अल जज़ीरा ने तालिबान के एक सूत्र का हवाला देते हुए इस बात की जानकारी दी है।
खबरों से मिली जानकारी के अनुसार, मुल्ला अब्दुल कय्यूम जाकिर एक अनुभवी तालिबानी कमांडर (Talibani Commander) है और तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का बेहद करीबी सहयोगी भी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका (America) में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में आतंकी हमले के बाद मुल्ला अब्दुल कय्यूम जाकिर को वर्ष 2001 में अमेरिकी नेतृत्व वाली सेनाओं ने पकड़ लिया था। साल 2007 तक उसे ग्वांतानामो बे की जेल में बंदी बनाकर रखा गया था। बाद में उसे रिहा कर दिया गया और अफगान सरकार को सौंप दिया गया था।
मुल्ला अब्दुल की गिनती तालिबान के खूंखार आतंकियों में होती है। बता दें कि ग्वांतानामो बे क्यूबा में अमेरिकी सेना की एक उच्च सुरक्षा वाली जेल (Jail) है, जहां हाई-प्रोफाइल आतंकवादियों को रखा जाता है। हालांकि, तालिबान ने अभी तक अफगानिस्तान में एक औपचारिक सरकार का गठन नहीं किया है। लेकिन देश को चलाने के लिए आतंकी समूह ने अपने कुछ नेताओं को प्रमुख पदों पर नियुक्त किया है।
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