अमेरिका जाने वालों को बताना होगा कि किन किन सोशल मीडिया साइट्स का करते हैं इस्तेमाल

अमेरिका में विदेशी नागरिकों के प्रवेश की बारीकी से जांच के लिए अपनायी नीति के तहत लगभग सभी वीजा आवेदकों को उनके सोशल मीडिया अकाउंट के बारे में भी जानकारी देनी होगी ताकि आतंकवादियों और अन्य खतरनाक लोगों को अमेरिका में प्रवेश से रोका जा सके।
विदेश विभाग ने शनिवार को एक नयी नीति अपनायी जिसके तहत अस्थायी आगंतुकों समेत सभी वीजा आवेदकों को अन्य जानकारी के साथ साथ एक ड्रॉप डाउन मेनू में अपने सोशल मीडिया अकाउंट के बारे में बताना होगा।
सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करने वाले आवेदकों के पास इसमें एक अन्य विकल्प मौजूद होगा जिससे वह यह बता सकेंगे कि वह इनका इस्तेमाल नहीं करते हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने हिल टीवी को बताया कि अगर वीजा आवेदक सोशल मीडिया इस्तेमाल के बारे में झूठ बोलता है तो उसे 'गंभीर आव्रजन परिणाम' भुगतने होंगे।
अब तक इस ड्रॉप डाउन मेनू में केवल बड़े सोशल मीडिया वेबसाइटों की जानकारी होती थी, लेकिन अब इसमें आवेदकों के लिए, इस्तेमाल की जाने वाली सभी साइटों की जानकारी देने की सुविधा उपलब्ध होगी।
एक अधिकारी ने हिल टीवी को बताया कि यह संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले सभी विदेशी नागरिकों की बारीकी से जांच के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम है।
अधिकारी ने बताया कि हाल के वर्षों में जैसा हम लोगों ने दुनिया भर में देखा है कि आतंकवादी भावनाओं और गतिविधियों के लिए सोशल मीडिया एक बड़ा मंच बन सकता है।
यह आतंकवादियों, जन सुरक्षा के खतरे और अन्य खतरनाक गतिविधियों की पहचान करने का एक उपकरण साबित होगा। इससे ऐसे लोगों को न तो आव्रजन लाभ मिलेगा और न ही अमेरिकी धरती पर पैर जमाने की सुविधा होगी।
यह नीति मार्च 2017 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जारी एक शासनादेश के तहत बनाई गई है। विदेश मंत्रालय ने मार्च 2018 में नीति के कार्यान्वयन का इरादा जाहिर कर दिया था।
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