अमेरिका में ट्विटर पर 15 करोड़ डॉलर का लगाया जुर्माना, यूजर्स का डेटा बेचने का आरोप

अमेरिका (America) में ट्विटर (Twitter) को यूजर की गोपनीयता से छेड़छाड़ करने पर 15 करोड़ डॉलर (1163 करोड़ रुपये) का जुर्माना लगा है। ट्विटर पर आरोप है कि उसे गोपनीयता भंग करने के मामले में जिम्मेदार पाया गया है। ट्विटर ने अपने यूजर्स (Twitter Users) से फोन नंबर और ईमेल आदि की सूचनाएं मांगी थीं। आरोप है कि इसके बाद से हैकिंग (acking) की घटनाएं बढ़ गई हैं और यूजर्स को अन्य तरह की परेशानियां भी झेलनी पड़ रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक न्याय विभाग व संघीय व्यापार आयोग (एफटीसी) ने ट्विटर के साथ समझौते की घोषणा की है। नियामक का कहना है कि एफटीसी ने गैर सार्वजनिक सामग्री की निजता बनाए रखने और सुरक्षा के आदेश जारी किए थे। आरोप है कि ट्विटर ने वर्ष 2011 के एफटीसी के इस आदेश का उल्लंघन किया गया।
आरोप के मुताबिक ट्विटर ने अकाउंट की सुरक्षा के नाम पर मई 2013 से सितंबर 2019 के बीच यूजर के फोन नंबर व ई-मेल आदि मांगे गए। इसके बाद ट्विटर ने इन जानकारियों को विज्ञापन कंपनी से साझा कर दिया। नियामकों ने दावा किया कि प्लेटफार्म ने कंपनियों से जानकारी साझा करने के लिए यूरोपीय संघ व स्विट्जरलैंड को अमेरिकी निजता समझौते का मनगढ़ंत हवाला दिया है।
मुख्य गोपनीयता अधिकारी डेमियम किरान ने इस कार्रवाई पर ब्लाग पोस्ट की है। उन्होंने कहा है कि हम यूजर के डाटा की सुरक्षा को बेहद गंभीरता से लेते हैं। संघीय व्यापार आयोग के लिए हम हमेशा उनका सहयोग करते रहेंगे। जो जुर्माना राशि लगी है, उसे हम देने को तैयार हैं।
बता दें कि ट्विटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी ने उसके निदेशक मंडल से भी इस्तीफा दे दिया था। टेकक्रंच की रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को शेयरधारकों की सालाना बैठक हुई, जिसमें इसका ऐलान किया गया।
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