US Election 2020: अमेरिका में थोड़ी देर में शुरू होगी राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग, भारत में होगा इतना समय, सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में ट्रंप

US Election 2020: अमरीका में आज 46वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होने वाली है। क्या रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप दोबारा जीत हासिल करेंगे या डेमोक्रेट प्रत्याशी जो बाइडेन बाजी पलट देंगे। इसको लेकर मंगलवार रात से ही गूगल, टीवी चैनल से लेकर सोशल मीडिया तक धमक दिखेगी। अमरीकी समयानुसार वोटिंग मंगलवार सुबह छह बजे और भारतीय समयानुसार बुधवार दोपहर 3ः30 बजे शुरू होगी। भारतीय समयानुसार अमरीकी चुनाव में मतदान गुरुवार सुबह 6ः30 बजे पूरा होगा। रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट जो बाइडेन भी चुनाव वाले दिन ही वोट करेंगे। अमरीका में मतगणना हर राज्य में चुनाव प्रक्रिया पूरी होते ही मंगलवार रात (भारत में बुधवार को) ही शुरू हो जाएगी।
फ्लोरिडा, विस्कोंसिन, पेनसिल्वेनिया जैसे कांटे की टक्कर वाले राज्यों में मतगणना कई हफ्तों तक खिंच सकती है। अमरीकी चुनाव में इस बार 23.9 करोड़ मतदाता हैं, लेकिन 3 नवंबर को मतदान के आधिकारिक पहले ही 9.2 करोड़ लोग पोस्टल बैलेट या अर्ली वोटिंग के जरिए वोट दे चुके हैं। यानी 38 फीसदी वोट पहले ही पड़ चुके हैं। यह 2016 के चुनाव का दो तिहाई से भी ज्यादा है। पोस्टल बैलेट यानी डाक से भेजे गए मतपत्रों को खोलने, उनमें गलतियां देखने और छांटने में लंबा वक्त लग सकता है। ऐसे में स्पष्ट नतीजे आने में एक-दो हफ्ते लग सकते हैं।
अमरीकी चुनाव का समय, नए राष्ट्रपति के शपथग्रहण से लेकर सब कुछ तय होता है। नवंबर में पहले सोमवार के बाद पड़ने वाले मंगलवार (इस बार 3 नवंबर) को ही चुनाव होता है। राष्ट्रपति 20 जनवरी को शपथ लेते हैं। ऐसे में नतीजे देरी से आए या अदालती विवाद हुआ तो दिक्कत नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में ट्रंप
ट्रंप ने कहा है कि उनकी टीम चुनाव वाली रात को ही कानूनी लड़ाई शुरू करने के लिए तैयारी कर रही है। ट्रंप सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले से खुश नहीं है जिसमें कोर्ट ने पेन्सिलवेनिया और नॉर्थ कैरोलिना में मेल इन बैलट्स की गिनती इलेक्शन डे के बाद भी करने की अनुमति दी है। ट्रंप ने कहा कि मेरा मानना है कि यह खतरनाक बात है कि किसी चुनाव के बाद मतपत्र एकत्रित किये जा सकें। मुझे लगता है कि यह खतरनाक बात है कि जब लोगों या राज्यों को चुनाव संपन्न होने के बाद लंबे समय के लिए मतपत्रों को जमा करने की इजाजत हो क्योंकि इससे केवल एक ही चीज हो सकती है।
उन्होंने अनेक मतदान क्षेत्रों में चुनाव वाले दिन के बाद मतपत्र प्राप्त किए जाने की अनुमति देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की आलोचना करते हुए कहा कि हम चुनाव होते ही उसी रात अपने वकीलों के साथ तैयार होंगे. मुझे लगता है कि इससे एक बड़ा खतरा है और बड़े स्तर पर धोखाधड़ी तथा दुरुपयोग हो सकता है। यह खतरनाक बात है कि हम कंप्यूटर के आधुनिक जमाने में भी चुनाव वाली रात ही परिणाम नहीं जान सकते। अगर मामला सुप्रीम कोर्ट में जाता है तो चुनावी परिणाम आने में ज्यादा देर सकती है। बता दें कि विजयी उम्मीदवार को 20 जनवरी 2021 को अपना कार्यकाल संभालना होगा।
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