राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने G-7 शिखर सम्मेलन के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को किया आमंत्रित, बौखलाया चीन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने G-7 शिखर सम्मेलन के लिए भारत, रूस, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया को आमंत्रित करने की की योजना बनाई है। इस समिट में भारत के अलावा अन्य देश के शामिल होने पर पर चीन ने नाराजगी भरी प्रतिक्रिया जताई है। चीन का कहना है कि बीजिंग के खिलाफ किसी गुटबंदी का प्रयास नाकाम साबित होगा।
भारत और तीन अन्य देशों को G-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित करने की डोनाल्ड ट्रंप की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने यहां मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि 'चीन का मानना है कि सभी अंतरराष्ट्रीय संगठनों और सम्मेलनों को विभिन्न देशों के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने वाला होना चाहिए, जिससे बहुपक्षीयता कायम रह सके और विश्व शांति और विकास को बढ़ावा मिल सके। हमारा मानना है कि यह दुनिया भर के देशों की भारी बहुमत की भूमिका है। चीन के खिलाफ कोई भी गुटबंदी का प्रयास विफल होगा। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत और तीन अन्य देशों को आमंत्रित किए जाने से चीन में बेचैनी की भावना है।
G-7 समिट सितंबर तक स्थागित
बता दें कि मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने G-7 समिट को सितंबर तक स्थगित कर दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि वह फिलहाल सितंबर 2020 तक जी-7 सम्मेलन को टाल रहे हैं। ट्रंप का कहना है कि वह भारत, रूस, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को आमंत्रित करना चाहते हैं। क्योंकि मुझे नहीं लगता है कि दुनिया में जो चल रहा है उसे यह सम्मेलन ठीक से नहीं दर्शा पा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह देशों का एक बहुत पुराना समिट है। शिखर सम्मेलन वाशिंगटन में 10-12 जून को होने वाला था, लेकिन कोरोना वायरस वायरस महामारी के कारण इसे जून के अंत तक टाल दिया गया था। व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एलिसा फराह ने कहा कियोजना सभी पारंपरिक सहयोगियों को चर्चा के लिए एक साथ लाने की है। साथ ही यह भी कि भविष्य में चीन से कैसे निपटा जाए।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि जी-7 दुनिया की शीर्ष 7 विकसित अर्थव्यवस्थाओं का समूह है। इसमें अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान और कनाडा शामिल हैं। जलवायु परिवर्तन, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था समेत विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर बातचीत के लिए इन देशों के प्रमुखों की प्रति वर्ष बैठक होती है।
ट्रंप ने इच्छा जताई है कि इस 'पुराने पड़ गए संगठन का विस्तार किया जाए और इसमें भारत और 3 अन्य देशों को शामिल किया जाए तथा इसे जी-10 या जी-11 बनाया जाए।
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