अमेरिकी सिनेटर का 1984 के दंगों पर बड़ा बयान, जानें क्यों कहा आधुनिक भारत के इतिहास का काल दिन

अमेरिकी सिनेटर का 1984 के दंगों पर बड़ा बयान, जानें क्यों कहा आधुनिक भारत के इतिहास का काल दिन
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1984 के सिख विरोधी दंगों (1984 anti-Sikh riots) को आधुनिक भारतीय इतिहास के सबसे काले सालों में से एक बताते हुए अमेरिकी सीनेटर (US Senator) ने सिखों पर किए गए अत्याचारों को याद रखने की आवश्यकता को बताया और कहा कि बोलवने इसलिए जरूर है कि क्योंकि जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जा सके।

1984 के सिख विरोधी दंगों (1984 anti-Sikh riots) को आधुनिक भारतीय इतिहास के सबसे काले सालों में से एक बताते हुए अमेरिकी सीनेटर (US Senator) ने सिखों पर किए गए अत्याचारों को याद रखने की आवश्यकता को बताया और कहा कि बोलवने इसलिए जरूर है कि क्योंकि जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जा सके। 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी। इसके बाद दिल्ली के समेत भारत के कई हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी। इस हिंसा में 3000 से अधिक सिख मारे गए थे।

इंडिया टूडे की रिपोर्ट के मुताबिक, सीनेटर पैट टोमी ने सीनेट में अपने भाषण में कहा कि साल 1984 आधुनिक भारतीय इतिहास के सबसे काले सालों में से है। दुनिया ने भारत में जातीय समूहों के बीच कई हिंसक घटनाएं देखी हैं। जिनमें से कई विशेष रूप से सिख समुदाय को लक्षित करती हैं।

उन्होंने आगे कहा कि आज हम यहां भारत के पंजाब प्रांत और केंद्र सरकार में सिखों के बीच दशकों से चले आ रहे जातीय तनाव के बाद 1 नवंबर 1984 को हुई त्रासदी को याद कर रहे हैं। पेन्सिलवेनिया के सीनेटर ने कहा कि अक्सर ऐसे मामलों में आधिकारिक अनुमान पूरी कहानी नहीं बता सकते हैं। लेकिन यह अनुमान है कि 30,000 से अधिक सिख पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की हत्या कर दी गई थी।

उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में मानवाधिकारों के हनन को रोकने के लिए हमें उनके पीछे की चीजों को पहचानना होगा। हमें सिखों के खिलाफ किए गए अत्याचारों को याद रखना चाहिए। ताकि जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जा सके और दुनिया भर में सिख समुदाय या अन्य समुदायों के खिलाफ इस तरह की त्रासदी न हो।

अमेरिकी सिख कांग्रेसनल कॉकस के सदस्य ने कहा कि भारत के पंजाब क्षेत्र में सिख धर्म की जड़ें करीब 600 साल पुरानी हैं। दुनिया के प्रमुख धर्मों में से एक सिख धर्म के दुनिया भर में लगभग 30 मिलियन लोग हैं। अमेरिका में इनकी संख्या करीब सात लाख है। इतिहास में सिखों ने सभी धार्मिक, सांस्कृतिक और जातीय पृष्ठभूमि के लोगों की सेवा करने के लिए गहरी प्रतिबद्धता दिखाई है, जो उनकी उदारता और समुदाय की भावना को दर्शाता है।

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