Ayodhya Land Dispute : SC ने कहा, मस्जिद बाबर ने बनाई या अकबर ने फर्क नहीं, सवाल ये कि वहां मस्जिद थी या नहीं

Ayodhya Land Dispute : SC ने कहा, मस्जिद बाबर ने बनाई या अकबर ने फर्क नहीं, सवाल ये कि वहां मस्जिद थी या नहीं
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मंगलवार हुई बहस में रामलला के वकील द्वारा दावा किया गया था कि मस्जिद को बनाने के लिए मंदिर को तोड़ा गया। रामलला के वकील सीएस वैद्यनाथन ने ASI रिपोर्ट का हवाला देते हुए मगरमच्छ, कछुओं के चित्रों का भी जिक्र किया। साथ ही उन्होंने कहा कि इन जीवों का मुस्लिम कल्चर से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि जब बाबरी मस्जिद विध्वंस हो रही थी तब वहां जो स्लैब गिरे थे उनपर संस्कृत में संदेश लिखा हुआ था।

अयोध्या में रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में नियमित सुनवाई जारी है। 6 अगस्त से शुरू हुई सुनवाई में अबतक निर्मोही अखाड़ा के वकील ने अपनी दलील रखी उसके बाद रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यानाथन अपना पक्ष रख रहे हैं।

मंगलवार हुई बहस में रामलला के वकील द्वारा दावा किया गया था कि मस्जिद को बनाने के लिए मंदिर को तोड़ा गया। रामलला के वकील सीएस वैद्यनाथन ने ASI रिपोर्ट का हवाला देते हुए मगरमच्छ, कछुओं के चित्रों का भी जिक्र किया। साथ ही उन्होंने कहा कि इन जीवों का मुस्लिम कल्चर से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि जब बाबरी मस्जिद विध्वंस हो रही थी तब वहां जो स्लैब गिरे थे उनपर संस्कृत में संदेश लिखा हुआ था।

बताते चले की सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को हफ्ते में तीन दिन के बजाय पांच दिन सुनने का फैसला किया। इस फैसले पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई, जवाब में कोर्ट ने कहा कि जब भी आपको तैयारी के लिए समय चाहिए बता दीजिएगा, छुट्टी मिल जाएगी। बुधवार को रामलला के वकील वैद्यनाथन अपना पक्ष रख रहे हैं...


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Live Updates

  • 21 Aug 2019 6:00 PM IST

    पीएन मिश्रा के बाद हिन्दू महासभा के वकील ने अपना पक्ष रखना शुरू किया। उन्होंने कहा कि जमीन का मालिकाना हक सरकार के पास है। उनकी इस बात पर जस्टिस बोबड़ने ने कहा कि जमीन पर मालिकाना हक सरकार के पास नहीं है। इसपर हिन्दू महासभा के वकील ने कहा कि वह आज जिरह को तैयार नहीं है।

    इसपर चीफ जस्टिस ने नाराजगी जाहिर करते हुए पूछा कि आप क्यों तैयार नहीं हैं। इसपर उन्होने कहा की उन्हें पता नहीं था कि आज ही उनकी बारी आएगी। इसके बाद सीजीआई रंजन गोगोई ने किसी दूसरे को अपना पक्ष रखने के लिए कहा।

    सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद गोपाल सिंह विशारद की तरफ से वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार अपना पक्ष रखने लगे। गोपाल सिंह विरासत ने कहा कि 1950 में उनके पिता जी ने इस मामले पर याचिका दायर की थी, वह आगे कुछ बोलते इसके पहले ही चीफ जस्टिस ने कहा कि आपने ठीक से अनुवाद नहीं किया है। वकील की ओर से जवाब दिया गया है कि कुछ सबूत हिन्दी में भी दिए गए हैं। 

  • 21 Aug 2019 5:42 PM IST

    रामलला के वकील की दलीलों के बाद रामजन्म स्थान पुनरुद्धार समिति के वकील पीएन मिश्रा ने बोलना शुरू किया। उन्होंने आइने-ए-अकबरी की बातों की चर्चा करते हुए मस्जिद बाबर ने नहीं बनवाई है। इसपर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि मस्जिद किसने बनावाई ये मानने नहीं रखता, मस्जिद चाहे बाबर ने बनाई हो या फिर अकबर ने। सवाल तो ये है कि वहां मस्जिद थी या नहीं।

    इसके बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने पीएन मिश्रा से कहा कि आप अपने सभी नोट्स को इकट्ठा करें और उन सभी डॉक्यूमेंटस को हमें दे। जिसका जिक्र आप अपनी दलील में कर रहे हैं। इसपर पीएन मिश्रा ने कहा कि हम अब परसों अपनी दलील रखेंगे।  

  • 21 Aug 2019 5:36 PM IST

    अयोध्या की विवादित जमीन को लेकर सुनवाई शुरू हो गई है। रामलला के वकील सीएस वैद्यनाथन ने पांचों जजों के सामने अपनी पक्ष रखते हुए कहा कि अगर जमीन हमारी है और किसी और के द्वारा गलत तरीके से वहां कोई ढांचा खड़ा कर लिया जाता है तो जमीन उसकी नहीं हो जाती है।

    उन्होंने कहा कि वहां पर पहले मंदिर था लोग पूजा भी करते रहे हैं। इसका उल्लेख इतिहास की तमाम किताबों में मिलता है इसलिए उन्हें और कुछ साबित करने की जरूरत नहीं है।

    रामलला के वकील की दलील पर जस्टिस बोबड़े ने कहा कि आपके तर्क तो इस प्रकार है कि मूर्ति के स्वामित्व वाली संपत्ति अभेद है। कोई दूसरा व्यक्ति अगर संपत्ति पर दावा करता है तो वह इसे कब्जे में नहीं रख सकता। ऐसे में संपत्ति ट्रांसफर वाली चीज नहीं है। 

  • 21 Aug 2019 5:36 PM IST

    रामलला के वकील ने चीफ जस्टिस की बेंच के सामने बोलते हुए कहा कि रामलला नाबालिग हैं, ऐसे में न उनकी संपत्ति कोई बेच सकता है और न ही जोर जबरजस्ती करके उनसे छीना जा सकता है।

    सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि चलिए थोड़ी देर के लिए मान लिया जाए कि वहां कोई मंदिर नहीं, न ही कोई देवता, पर लोगों को विश्वास है कि वह भूमि रामजन्मभूमि है तो वहां पर मूर्ति रखना उस स्थान को पवित्रता प्रदान करता है।  

  • 21 Aug 2019 5:36 PM IST

    सुप्रीम कोर्ट में रामजन्मभूमि को लेकर सुनवाई चल रही है। सवैंधानिक बेंच इस समय लंच करने के लिए उठ गई है, लंच के बाद एकबार फिर से सुनवाई शुरू होगी। लंच के बाद रामलला विराजमान के वकील सीएस वैद्यनाथन एक बार फिर से अपना पक्ष रखेंगे। 

  • 21 Aug 2019 5:36 PM IST

    रामलला विराजमान के वकील ने कहा कि जब संपत्ति में भगवान शामिल हैं तो फिर उस संपत्ति को कोई नहीं ले सकता। उस संपत्ति पर भगवान के हक को नहीं छीना जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसी संपत्ति पर एडवर्स पजेशन का कानून भी लागू नहीं होगा।

    सीएस वैद्यनाथन की दलील के बाद रामजन्म स्थान पुररोधान समिति के वकील पीएन मिश्रा ने अपना पक्ष रखना शुरू किया, सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने उनसे पूछा कि क्या आप इस मामले में पार्टी हैं तो उन्होंने जवाब दिया कि हां, मैं सूट नंबर 4 में प्रतिवादी नंबर 20 हूं। पीएन मिश्रा ने अपने तर्क की शुरूआत अथर्व वेद से देनी शूरू की। उन्होने कहा कि हमारे सिद्धांत, विश्वास और आस्था के आधार पर वहां एक मंदिर था।

  • 21 Aug 2019 5:36 PM IST

    रामलला विराजमान ने के वकील सीएस वैद्यनाथन ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए स्कंद पुराण समेत कई और पुराणों का जिक्र किया। सुप्रीम कोर्ट ने वकील से पूछा कि क्या आपको पता है कि ये पुराण कब लिखे गए तो रामलला के वकील ने कहा कि ये गुप्त वंश के दौरान लिखा गया था।

    जस्टिस चंद्रचूड़ ने रामलला विराजमान के वकील से कहा कि आप पौराणिक तथ्यों का जिक्र अपनी दलील में कर रहे हैं वो ठीक है पर ये भी ध्यान रखे कि मंदिर की मौजूदगी के लिए अन्य सबूत भी पेश किए जाएं। जस्टिस भूषण ने वकील से कहा कि आपको इन पुराणों के समय के बारे में भी बताना होगा क्योंकि आपके ज्यादातर सबूत इसी पर निर्भर हैं। 

  • 21 Aug 2019 12:18 PM IST

    अयोध्या की विवादित जमीन को लेकर सुनवाई शुरू हो गई है। रामलला के वकील सीएस वैद्यनाथन ने पांचों जजों के सामने अपनी पक्ष रखते हुए कहा कि अगर जमीन हमारी है और किसी और के द्वारा गलत तरीके से वहां कोई ढांचा खड़ा कर लिया जाता है तो जमीन उसकी नहीं हो जाती है।

    उन्होंने कहा कि वहां पर पहले मंदिर था लोग पूजा भी करते रहे हैं। इसका उल्लेख इतिहास की तमाम किताबों में मिलता है इसलिए उन्हें और कुछ साबित करने की जरूरत नहीं है। 

    रामलला के वकील की दलील पर जस्टिस बोबड़े ने कहा कि आपके तर्क तो इस प्रकार है कि मूर्ति के स्वामित्व वाली संपत्ति अभेद है। कोई दूसरा व्यक्ति अगर संपत्ति पर दावा करता है तो वह इसे कब्जे में नहीं रख सकता। ऐसे में संपत्ति ट्रांसफर वाली चीज नहीं है। 

  • 21 Aug 2019 12:07 PM IST

    पी चिदंबरम के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी, सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिलने के संकेत 


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