Republic Day 2019 : 26 जनवरी और 15 अगस्त में क्या है फर्क, एक ही दिन क्यों नहीं मनाए जाते दोनों पर्व''

Republic Day 2019 : 26 जनवरी और 15 अगस्त में क्या है फर्क, एक ही दिन क्यों नहीं मनाए जाते दोनों पर्व
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26 जनवरी 2019 (26 January 2019) को भारत (India) अपना 70वां गणतंत्र दिवस (70th Republic Day) मनाने जा रहा है। हम आपको 26 जनवरी और 15 अगस्त में क्या अंतर के बारे में बताने जा रहे हैं।

Republic Day 2019 26 जनवरी 2019 (26 January 2019) को भारत (India) अपना 70वां गणतंत्र दिवस (70th Republic Day) मनाने जा रहा है। 26 जनवरी 1950 (26 January 1950) को भारतीय इतिहास (India History) में इस दिन देश का संविधान (ConstitutionOf India) लागू हुआ था। जो दुनिया के सभी संविधानों में सबसे बड़ा संविधान है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश (Republican Country) का सबसे लंबा लिखित संविधान है। भारतीय संविधान इस वक्त 465 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 22 भागों में बंटा हुआ है। इस संविधान को बनाने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे। बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ramji Ambedkar) ने ही भारत का संविधान लिखा था और उन्हें संविधान निर्माता भी कहा जाता है। इस पर्व पर हर किसी के जहन में एक ही सवाल उठता है कि आखिर 15 अगस्त (15 August) को ही क्यों नहीं संविधान लागू हुआ और 26 जनवरी और 15 अगस्त में क्या फर्क है। ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब हम आपके लिए लेकर आए हैं...

26 जनवरी और 15 अगस्त में क्या है फर्क (What is Difference Between 26 January And 15 August)

1. 26 जनवरी और 15 अगस्त दोनों ही राष्ट्रीय पर्व हैं। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस कहा जाता है और 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस कहा जाता है।

2. गणतंत्र दिवस पर भारत का संविधान लागू हुआ था। संविधान में भारत के नागरिकों को कई अधिकार दिए गए हैं जैसे कि मौलिक अधिकार, भाषण देने का अधिकार आदि। वहीं स्वतंत्रता दिवस पर देश को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली और भारत एक स्वतंत्र देश बन गया।

3. पहले गणतंत्र दिवस पर देश के राष्ट्रपति ने अपना पद संभाला था तो वहीं पहले स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने अपना पद संभाला था। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू थे और पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद थे।

4. गणतंत्र दिसव (26 जनवरी) पर देश की राजधानी में राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड निकाली जाती है। जिसमें शक्ति प्रदर्शन दिखाया जाता है। देश ने किन किन क्षेत्रों में कितना विकास किया है। वहीं स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) इस दिन लाल किले पर प्रधानमंत्री भाषण देते हैं। जिसमें वो बड़ी-बड़ी घोषणाएं करते हैं।

5. 26 जनवरी पर राजपथ पर राष्ट्रपति के लिए खात होता है। इस दिन राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं। वहीं 15 अगस्त पर लाल किले से प्रधानमंत्री तिंरगा फहराते हैं।

15 अगस्त को क्यों नहीं मनाया जाता है गणतंत्र दिवस

भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। भारत सरकार अधिनियम को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया। इसी दिन भारत का संविधान अस्तित्व में आया था। जिसके बाद भारत एक गणतंत्र देश बन गया।

15 अगस्त 1947 की आधी रात को भारत को अंग्रेजों की 250 साल की गुलामी से आजादी मिली। लेकिन भारत के पास अपना कोई संविधान नहीं था। जिससे देश चलाया जा सके। ऐसे में बाबासाहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर को भारत का संविधान बनाने की जिम्मेदारी दी गई।

हमारा संविधान कई देशों से संविधानों से मिलकर बना है। वहीं इस दिन देशभक्तों को सम्मानित भी किया जाता है। इस दिन सबसे ज्यादा राष्ट्रपति ही महत्वपूर्ण व्यक्ति होते हैं।

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