प्रभुनाथ शुक्ल का लेख : राजनीति के नए सूत्र गढ़ रही भाजपा

प्रभुनाथ शुक्ल का लेख : राजनीति के नए सूत्र गढ़ रही भाजपा
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भाजपा और उसके सहयोगी संगठन अभी से मिशन- 2024 यानी लोकसभा की चुनाव जमीनी तैयार करने में जुट गए हैं। पार्टी 'ऑनलाइन सर्वे' करा रही है। मतदाताओं के मोबाइल पर एक मैसेज भेज कर सर्वें में भाग लेने की बात कही गई है। हो सकता है यह संदेश आप तक भी पंहुचा हो। सर्वे में 15 बिंदुओं को शामिल किया गया है। सर्वें से यह साबित हो गया है कि भाजपा 2024 में भी प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर आम चुनाव लड़ेगी। उसका सबसे अधिक फोकस उत्तर प्रदेश और योगी आदित्यनाथ पर भी है। ऑनलाइन सर्वे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी बुलडोजर नीति के साथ नूपुर शर्मा के विवादित बयान को भी जगह मिली है।

प्रभुनाथ शुक्ल

भारतीय जनता पार्टी उस अफवाह पर अमल नहीं करती जिसमें यह कहा गया हो कि 'कौवा कान काट कर उड़ गया' अफवाह के पूर्व वह कान टटोलती है फिर आगे की रणनीति तैयार करती है। इसका मतलब साफ हुआ कि भाजपा जमीन पर काम करती है हवा में नहीं, क्योंकि पार्टी का सांगठनिक ढांचा बेहद मजबूत और विशाल है। अनुशासन और सुशासन ही उसका मूल मंत्र है। भाजपा पार्टी के लिए एक विजन तैयार करती है। विपक्ष को वह कभी हल्के में नहीं लेती है, जबकि विपक्ष उसे सामान्य रूप में लेता है। भाजपा की इसी नीति का नतीजा है कि कांग्रेस जैसे बड़े दल का अस्तित्व कटघरे में है। भाजपा अपनी राजनीतिक लड़ाई जमीन पर लड़ती है, जबकि विपक्ष उसके मुकाबले में बिखरा हुआ है। सांगठनिक ढांचा बेहद कमजोर है। उसके पास मोदी और योगी जैसा विश्वसनीय और भरोसेमंद चेहरा नहीं है। और राजनीति का चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह जैसा कोई नेता उनके पास नहीं है।

भाजपा और उसके सहयोगी संगठन अभी से मिशन- 2024 यानी लोकसभा की चुनाव जमीनी तैयार करने में जुट गए हैं। पार्टी 'ऑनलाइन सर्वे' करा रही है। मतदाताओं के मोबाइल पर एक मैसेज भेज कर सर्वें में भाग लेने की बात कही गई है। हो सकता है यह संदेश आप तक भी पंहुचा हो। सर्वे में 15 बिंदुओं को शामिल किया गया है। सर्वें से यह साबित हो गया है कि भाजपा 2024 में भी प्रधानमंत्री मोदी के चेहरे पर आम चुनाव लड़ेगी। उसका सबसे अधिक फोकस उत्तर प्रदेश और योगी आदित्यनाथ पर भी है। ऑनलाइन सर्वे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी बुलडोजर नीति के साथ नूपुर शर्मा के विवादित बयान को भी जगह मिली है। सर्वे से निकली रायशुमारी को आधार बनाकर पार्टी लोकसभा चुनाव का एक एजेंडा तय करना चाहती है। अब उसकी सक्रियता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि कांग्रेस और दूसरे दलों ने अभी उस बारे में सोचना भी शुरू नहीं किया है, जबकि भाजपा बड़ी जमीन तैयार करने में जुटी है।

भारतीय जनता पार्टी की खूबी रही है कि वह हर सियासी लड़ाई को बेहद संजीदगी से लेती है। इसके लिए वह अपने आईटी सेल की युवा जमात को हमेशा रणनीतिक रूप से तैयार रखती है। पार्टी की तरफ से जो ऑनलाइन सर्वे कराया जा रहा है। सर्वें में मूल रूप से ऐसे मतदाताओं को शामिल किया गया है जिनकी आय 3000 से लेकर 20000 तक है। वह अशिक्षित से लेकर परास्नातक तक हैं या उन्होंने तकनीकी शिक्षा ग्रहण की है। सर्वे में सभी जाति धर्म और समुदाय के लोगों के साथ-साथ उपजातियों को भी शामिल किया है। सवर्ण के साथ ओबीसी, दलित, ईसाई और मुस्लिम भी शामिल हैं। इसके अलावा किसान, शिक्षक, ठेले वाले, नौकरीपेशा, व्यापारी, महिला, मछलीपालक, सरकारी नौकरी, छात्र और दूसरे वर्ग के लोगों को शामिल किया गया है। इस श्रेणी को 20 भागों में वर्गीकृत किया गया है। ऑनलाइन सर्वे सबसे अहम सवाल किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता का कारण क्या है। विकल्प में दिया गया है राष्ट्रवाद, हिंदुत्व, बेदाग छबि और ईमानदारी। इसके अलावा मोदी के मुकाबले प्रतिपक्ष के चेहरे को भी तलाशने की बात है जिसमें राहुल गांधी, ममता बनर्जी, नीतीश कुमार और केजरीवाल शामिल हैं। हाल में नूपुर शर्मा के एक धार्मिक बयान को भी लेकर सर्वे में सवाल पूछा गया है कि देश के विभिन्न राज्यों में जो धार्मिक दंगे हुए उसमें क्या नूपुर शर्मा भी जिम्मेदार हैं। अगर जिम्मेदार है तो किस हद तक इसके लिए भी विकल्प दिया गया है। सवाल यह भी है कि विपक्ष के तुष्टीकरण नीति के मुकाबले भाजपा की तृप्तिकरण नीति कितनी कारगर है। यह भी पूछा गया है कि लोकसभा का चुनाव अगर आज हो जाए तो आप किस दल को अपना समर्थन देंगे विकल्प में यूपीए, एनडीए तीसरा मोर्चा के साथ दूसरे दलों को शामिल किया गया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी आक्रामक नीतियों को विशेष अहमियत दी गई है। मतदाताओं से पूछा गया है कि आपके विचार में योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता का सबसे प्रमुख कारण क्या है। विकल्प में है हिंदुत्व, राष्ट्रवाद, कानून व्यवस्था के साथ ईमानदारी और दूसरे विकल्प हैं। ऑनलाइन सर्वे में 12वें नंबर का सवाल है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में भाजपा की जीत का प्रमुख कारण क्या रहा है। जिसमें विपक्ष की नाकामी, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, योगी की लोकप्रियता और मुफ्त राशन योजना जैसे विकल्प शामिल हैं। एक सवाल किया गया है कि भविष्य में योगी आदित्यनाथ का मुकाबला कौन कर सकता है, जिसमें अखिलेश यादव, मायावती और प्रियंका गांधी को सामने रखा गया। सर्वे से साफ जाहिर होता है कि मोदी योगी युग कायम रहेगा। भाजपा को लगता है कि दिल्ली में मोदी और यूपी में योगी पार्टी के लिए सबसे फायदेमंद चेहरे हैं।

देश में योगी आदित्यनाथ की बुलडोजर नीति की खूब चर्चा में है। ऑनलाइन सर्वे में इसको भी स्थान मिला है। इस पर सवाल है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बुलडोजर नीति को लेकर आपका क्या मत है। पार्टी की तरफ से एक और महत्वपूर्ण सवाल पूछा गया है कि अगर लोकसभा चुनाव आज हो जाए तो आप की निगाह में चुनावी मुद्दा क्या होगा जो सबसे अहम होगा। मतदाता किस मुद्दे को लेकर वोट करेगा, जिसमें विधायकों के कामकाज, सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, राष्ट्रवाद, महंगाई बेरोजगारी जैसे अहम बिंदु शामिल हैं। भाजपा का यह सर्वे विपक्ष की सोच और नींद को खोलने वाला है, लेकिन फिलहाल विपक्ष इतना ताकतवर नहीं दिखता है। वह अपनी बात लोगों को समझाने विफल हो रहा है या भाजपा की नीति को खुद नहीं समझ पा रहा है। विपक्ष की नाकामी की वज़ह से लोग महंगाई, बेरोजगारी और दूसरी समस्याओं से दो-चार होते हुए भी भाजपा को वोट करने के लिए मजबूर हैं। समय रहते विपक्ष को यह बात समझनी होगी।

( ये लेखक के अपने विचार हैं। )

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