Exit Poll Results 2019: अपनी नाकामी का ठीकरा आयोग पर फोड़ना गलत

सत्रहवीं लोकसभा के लिए सात चरणों में हुए चुनाव के नतीजे कल तेईस मई को आएंगे परंतु एक्जिट पोल के संकेत और नतीजे उन्नीस मई को आ चुके हैं। और उसी समय से अधिकांश विपक्षी दलों के नेताओं ने पिछले कुछ वर्षों की तरह एक बार फिर भारतीय निर्वाचन आयोग, ईवीएम मशीनों में कथित गड़बड़ी और मोदी सरकार के साथ-साथ मीडिया के खिलाफ जैसे मोर्चा खोल दिया है। उनकी बैठकों का दौर जारी है।
वे वीवीपैट से हर वोट के मिलान की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट जा चुके हैं, जहां उनकी याचिका खारिज की जा चुकी है। वे लोग निर्वाचन आयोग से भी एकाधिक बार यही मांग कर चुके हैं परंतु आयोग ने उनकी आशंकाओं को निर्मूल बताते हुए साफ कर दिया है कि ईवीएम मशीनें न केवल पूरी तरह सुरक्षित हैं बल्कि उनमें किसी भी तरह की गड़बड़ी या छेड़छाड़ की रत्तीभर भी गुंजाइश नहीं है।
कोई छोटा-मोटा दल अनभिज्ञता अथवा पेशबंदी में आयोग की कार्यप्रणाली, निष्पक्षता या साख पर सवाल उठाए तो समझ में आता है परंतु एक सौ तीस साल से ज्यादा पुरानी और पचपन साल तक देश पर राज करने वाली कांग्रेस के अध्यक्ष यदि गलत शब्दों का प्रयोग करते हुए निर्वाचन आयोग को निशाना बनाए तो आश्चर्य होता है। उन्होंने अपने ट्वीट में यहां तक कह डाला कि चुनाव आयोग ने नरेन्द्र मोदी और उनके गिरोह के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है और आयोग का काम डरना और सम्मान करना रह गया है, और कुछ नहीं।
यानी कांग्रेस अध्यक्ष ने सात चरणों में आयोग के द्वारा सफलतापूर्वक संपन्न कराए गए चुनाव की पूरी कवायद पर पानी फेरने की हिमाकत की है। जो लोग भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताते हैं, उन्हें भली भांति मालूम है कि इसमें निर्वाचन आयोग की भूमिका कितनी अहम रही है।
वह पूरी दुनिया में स्वतंत्र, निष्पक्ष और भय रहित चुनाव कराने के लिए जाना जाता है। देश ने वह काला दौर भी देखा है, जब बूथों पर कब्जे किए जाते थे। बूथों को लूट लिया जाता था। मतपेटियों को लूटा जाता था। हर राज्य में हिंसा होती थी। सैकड़ों लोग मारे जाते थे। मतगणना में कई-कई दिन लग जाते थे।
चुनाव प्रक्रिया में बरसों तक निरंतर सुधार करते रहने का ही परिणाम है कि आज अधिकांश जगहों पर न केवल शांतिपूर्ण तरीके से समाज के हर वर्ग को मताधिकार मिला हुआ है, बल्कि किसी भी तरह से चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश न्यूनतम स्तर पर ले आई गई हैं।
राजनीतिक दलों ने मतदाताओं द्वारा ठुकराए जाने पर लोगों में अपनी हार को लेकर भ्रम की स्थिति निर्मित करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में यह अजीबोगरीब तरीका खोज लिया है कि ठीकरा ईवीएम मशीनों और निर्वाचन आयोग के सिर पर फोड़ दिया जाए।
अरविंद केजरीवाल जैसे नेताओं ने तो यहां तक झूठ बोले कि वह ईवीएम मशीन को हैक करके दिखा देंगे। जब चुनाव आयोग ने उन्हें चुनौती दी कि वहां आकर हैक करके दिखाएं तो उनका कोई इंजीनियर वहां नहीं पहुंचा। जो लोग इन भारतीय स्तंभों पर भरोसा करते हैं, वे इन भौंडे आरोपों से आहत हैं।
एक पुस्तक के विमोचन समारोह में पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आयोग पर सवाल खड़े करने वालों को न केवल फटकार लगाई बल्कि सफलता पूर्वक चुनाव संपन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग की भूरि-भूरि प्रशंसा भी की।
उन्होंने राहुल गांधी का नाम भले न लिया हो, परंतु बचकाने तरीके से आयोग पर आरोप मढने वालों को आड़े हाथों लिया और ऐसी संस्थाओं का सम्मान करने की नसीहत दी।
और पढ़े: Haryana News | Chhattisgarh News | MP News | Aaj Ka Rashifal | Jokes | Haryana Video News | Haryana News App
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS