Haribhoomi Explainer: 'मोचा' भयंकर रूप धारण करने लगा, हर तबाही का होता है गजब नाम, पढ़ें वजह

Haribhoomi Explainer: मोचा भयंकर रूप धारण करने लगा, हर तबाही का होता है गजब नाम, पढ़ें वजह
X
Haribhoomi Explainer: देश के कई राज्यों में चक्रवाती तूफान का खतरा बना हुआ है। इस चक्रवात तूफान का नाम मोचा (Cyclone Mocha) रखा गया है। आज के हरिभूमि एक्सप्लेनर में हम आपको बताएंगे कि चक्रवातों के नाम कैसे रखे जाते हैं।

Haribhoomi Explainer: बंगाल की खाड़ी में उठा चक्रवाती तूफान आज गुरुवार शाम तक भंयकर रूप धारण कर लेगा। खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में गहरा दबाव बनने से यह तूफान कई राज्यों के तटीय इलाकों में भारी तबाही कर सकता है। इसके चलते बांग्लादेश और म्यांमार में भी भारी बारिश की संभावना जताते हुए अलर्ट जारी किया गया है। इस चक्रवात तूफान का नाम मोचा (Cyclone Mocha) रखा गया है। इस नाम से आपको कॉफी की याद आ रही होगी। कॉफी शॉप में आपने जरूर कैफे मोचा का लुत्फ उठाया होगा। साइक्लोन के लिए यह नाम यमन ने सुझाया था। यह नाम यमन के शहर मोचा पर रखा गया है। यह शहर लाल सागर के पास स्थित है। यह शहर अपने कॉफी के बिजनेस के लिए लंबे समय से जाना जाता है। आपकी पसंदीदा मोचा कॉफी का नाम भी इसी शहर के कारण पड़ा है। तो चलिए बताते हैं कि मोचा तूफान से किन राज्यों पर असर पड़ेगा। साथ ही, जानिये कि चक्रवाती तूफानों का नाम अलग-अलग क्यों रखा जाता है।

चक्रवात का नाम क्यों पडा मोचा ?

दरअसल, विश्व मौसम विज्ञान संगठन के जरिये चक्रवात के नामकरण की प्रणाली को अपनाया जाता है। जिसमें कि संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक आयोग (ESCAP) के सदस्य देशों का दखल होता है। चक्रवात के नाम को लेकर यमन ने इसका सुझाव दिया था। लालसागर तट पर एक बंदरगाह शहर 'मोचा ' का नाम सुझाया गया था, जिसके चलते इस पर मुहर लगाने के बाद चक्रवात का नाम मोचा रखा गया। चक्रवातों का नाम ज्यादातर उन क्षेत्रों के नाम पर रखा जाता है, जहां से इनकी उत्पति होती है। ज्यादातर समुद्र या नदी के क्षेत्रों में कम दबाव के चलते चक्रवाती तूफान बनते हैं, जो बड़ी दूरी तक भारी तबाही मचा सकते हैं। इसी तरह, चक्रवात मोचा का नाम लाल सागर बंदरगाह के एक हिस्से के नाम पर रखा गया था, जिसने 500 साल पहले कॉफी को दुनिया में पेश किया था

मोचा चक्रवात से प्रभावित क्षेत्र

चक्रवात मोचा के मद्देनजर मौसम विभाग ने चार राज्यों ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में अलर्ट जारी किया है ।अंतरराष्ट्रीय मॉडल के मुताबिक, मोचा बहुत तेज चक्रवात में बदल सकता है और इसका लैंडफॉल दक्षिण पूर्व बांग्लादेश या म्यांमार के तट पर हो सकता है. इस चक्रवात का लैंडफॉल बेहद शक्तिशाली तूफान के रूप में हो सकता है, जो ओडिशा और बंगाल की ओर आ सकता है। मौसम विभाग ने कहा कि ज्यादातर स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में छिटपुट स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है।

चक्रवातों का नाम कैसे रखा जाता है?

कुछ चुनिंदा देशों के प्रतिष्ठित संस्था को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है और वो ही इसका नामकरण करते हैं ।2000 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने उत्तर हिंद महासागर के बेसिन पर चक्रवातों के लिए नामों की सूची असाइन की थी। यह महासागर बेसिन के आसपास के देशों द्वारा सुझाए गए नामों की सूची का उपयोग करते हैं। संयुक्त राष्ट्र की इकोनॉमिक एंड सोशल कमीशन फॉर एशिया एंड पैसिफिक (ESCAP) पैनल के 13 सदस्य देश उत्तरी हिंद महासागर में बनने वाले तूफानों का नाम देने के लिए 13 देशों का एक पैनल है। इसमें भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, पाकिस्तान, मालदीव, ओमान, श्रीलंका, थाईलैंड, ईरान, कतर, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और यमन शामिल हैं।

चक्रवात से कैसे बचें

  • आपको शांत रहकर मौसम की ताजा जानकारी लेनी चाहिए
  • आपको जो भी हिदायत दी जाएं, शांत रहकर उन हिदायतों का पालन करना चाहिए
  • चक्रवाती तूफान में बिजली व्यवस्था ठप हो जाती है। ऐसे में फोन अवश्य चार्ज रखें।
  • अपनी जरूरत के दस्तावेज संभालकर एक प्लास्टिक के थैले में पैक कर लेने चाहिए।
  • एक इमरजेंसी कट तैयार करनी चाहिए ताकि दुर्घटना पर प्राथमिक उपचार कर सकें
  • बिजली के साथ पेयजल व्यवस्था भी ठप हो सकती है, लिहाजा पानी को सहजकर रखें।
  • अगर आप अपने घर में हैं, तो बिजली और गैस आपूर्ति को बंद कर दें।
  • घर के दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें और कांच की खिड़कियों से दूर रहें।
  • घर में सुरक्षित महसूस नहीं हो रहा है, तो तूफान से पहले सुरक्षित स्थान पर चले जाना चाहिए।
  • किसी भी अफवाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
  • सिर्फ आधिकारिक चेतावनियों पर भरोसा करें।
  • घर में कमजोर या पुरानी दीवार के पास खड़े न हों।
  • इन सभी उपायों को आजमा कर आप चक्रवाती तूफान का सुरक्षित सामना कर सकते हैं।

Tags

Next Story