देश के सामने महंगाई और बेरोज़गारी सबसे बड़ी समस्या...

ललित विजय
आज इस देश में एक आम आदमी के सामने दो सबसे बड़ी समस्या रोजगार और महंगाई है। इसको लेकर जैसे अभी पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है। पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार ने सरकार बनते ही, 25 हजार नई सरकारी नौकरियों का ऐलान किया। एक महीने के बाद जिनकी भर्ती होने वाली है। पंजाब की 'आप' सरकार ने 35 हजार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का ऐलान किया है।पिछले सात साल में दिल्ली सरकार ने लगभग 12 लाख रोजगार के दिल्ली के युवाओं के लिए तैयार किया। इनमें 1.88 लाख रोजगार सरकारी सेक्टर में थे और लगभग 10 लाख रोजगार प्राइवेट सेक्टर में थे। पिछले सात साल के अंदर 12 लाख रोजगार दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार ने तैयार किए। आप पार्टी एक कट्टर ईमानदार पार्टी है, सरकार कट्टर ईमानदार सरकार है और उस ईमानदारी का नतीजा है कि सात साल के अंदर अनावश्यक खर्चे को खत्म किया। भ्रष्टाचार को खत्म किया। रेवेन्यू के अंदर जो लीकेज है, वो सब खत्म की। पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार बनने के बाद भ्रष्टाचार कम नहीं, खत्म हो गया। आज आम आदमी पार्टी की सरकार एकमात्र सरकार है, जो जनता के मुद्दों पर बात कर रही है और महंगाई और बेरोज़गारी जैसी बुनियादी समस्याओं का समाधान दे रही है।
दिल्ली में अगले पांच साल के अंदर 20 लाख नए रोजगार तैयार करने का लक्ष्य रखता है। हमने सभी विभागों का टारगेट और टाईम लाईन भी तय कर दिया है। यह बात कहने के लिए भी हिम्मत चाहिए कि हम अगले पांच साल में 20 लाख रोजगार देंगे।
आप पार्टी की सरकार ने 20 लाख रोजगार तैयार करने का एक पूरा खाका देश के सामने रखा गया। यही आज लोगों की सबसे ज्यादा जरूरत है। कोरोना की वजह से बहुत सारी नौकरियां चली गईं। हर घर के अंदर तकलीफ है। लोगों के पास नौकरियां नहीं हैं। 20 लाख रोजगार का यह जो बजट है, इसमें बताया गया है कि दिल्ली में एक करोड़ 68 लाख लोग ऐसे हैं, जो कि नौकरी लेने के लिए सक्षम हैं। दिल्ली की आबादी 1.68 करोड़ नहीं हैं, आबादी तो दो करोड़ से अधिक है। इसमें बच्चे आदि हैं। 1.68 करोड़ ऐसे हैं, जो नौकरी लेने के लिए सक्षम हैं। 1.68 करोड़ लोगों में से आज केवल एक तिहाई लोग ही हैं, जिनके पास नौकरी है। बाकियों के पास नौकरी नहीं है। यह जो 33 फीसद की संख्या है, हमें इसे पांच साल में बढ़ाकर 45 फीसद तक लेकर जाना है। हमें इसे करीब 12 फीसद तक बढ़ाना है। इसका मतलब यह है कि आज दिल्ली में 56 लाख लोगों के पास नौकरी है, इसे 76 लाख तक लेकर जाना है। दिल्ली में वही सारी चीजें हो रही हैं, जिसे एक आम आदमी छोटी पूंजी से शुरू कर सकता है
दिल्ली की नई स्टार्टअप पॉलिसी बहुत बड़ी संभावनाएं खोलती है। दिल्ली पहले ही देश का स्टार्टअप कैपिटल बन चुका है। दिल्ली के अंदर आज पूरे देश में सबसे ज्यादा नए स्टार्टअप निकल रहे हैं। दिल्ली की स्टार्टअप पॉलिसी के जरिए बच्चे बहुत सारे नए-नए बिजनेस शुरू करेंगे और दूसरों को नौकरी देंगे। दिल्ली की जो नॉन कंफॉर्मिंग इंडस्ट्रीयल एरिया हैं, उसको विकसित किया जाएगा। हमें उम्मीद है कि यहां पर काफी सारे रोजगार निकलेंगे। दिल्ली में जो प्रसिद्ध फूड हब हैं, उनको विकसित किया जाएगा और उनको मार्केट किया जाएगा और फूड ट्रक पॉलिसी बनाई जाएगी, ताकि बड़े स्तर पर इनको प्रमोट किया जा सके। यह सारी वो चीजें हैं, जो एक आम आदमी कर सकता है। हम कोई ऐसी चीजें नहीं कर रहे हैं, जिसके अंदर बहुत बड़ी पूंजी की जरूरत है। यह एक आम आदमी, छोटे से पूंजी से यह सारी चीजें शुरू कर सकता है। क्लाउड किचेन क्लस्टर की स्थापना की जाएगी। इलेक्ट्रॉनिक सिटी बनाई जाएगी। ई-व्हीकल्स, सोलर एनर्जी, अर्बन फार्मिंग की दिल्ली, देश की राजधानी बन चुका है। दिल्ली फिल्म पॉलिसी बनाई गई है। इसके जरिए बहुत सारे रोजगार पैदा होंगे। पिछले साल रोजगार पोर्टल बनाया गया था। जैसे ही इसे शुरू किया, इसमें करीब 10 लाख रोजगार निकले थे। अब इसका दूसरा वर्जन बनाया जा रहा है। इस तरह से यह जो 20 रोजगार होंगे, उसमें एक-एक के सामने हमने लिखा है कि क्या करने से कितने रोजागार निकलेंगे। महंगाई की वजह से एक आम आदमी को अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है
लोगों के सामने दूसरी बड़ी समस्या महंगाई की है। महंगाई बहुत ज्यादा बढ़ गई है। एक आम आदमी को अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है। इसमें भी बहुत सारी ऐसी चीजें हैं, जो केवल और केवल दिल्ली के लोगों को मिल रही है और वो जारी रहेंगी। आज दिल्ली के अंदर सरकारी स्कूल बेहद शानदार हो गए हैं। दिल्ली में शिक्षा फ्री है। कोई पैसा देने की जरूरत नहीं है। अब पूरी की पूरी शिक्षा फ्री है। ढेरों लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों से निकालकर सरकारी स्कूलों में भर्ती करा रहे हैं। इस साल करीब 3.75 लाख लोगों ने प्राइवेट स्कूल से अपने बच्चे को निकालकर सरकारी स्कूल में भर्ती कराए हैं। अगर आपके घर में दो भी बच्चे पढ़ने वाले हैं और वो प्राइवेट स्कूल में पढ़ते हैं, तो एक बच्चे की 3-5 हजार रुपए फीस आ जाती है। इस तरह इस महंगाई के जमाने में एक आम आदमी का दो बच्चों के पढ़ाने का 10 हजार रुपए प्रति माह बच गया। यह बहुत बड़ी बात है।दिल्ली जैसी स्वास्थ्य सुरक्षा भारत में ही नहीं, पूरी दुनिया में किसी भी राज्य के नागरिक को नहीं दी गई है
स्वास्थ्य के मामले में दिल्ली पूरे देश का अकेला राज्य है, जहां पर हर आम आदमी चाहे अमीर हो या गरीब हो, उसका पूरा इलाज मुफ्त है। अगर आपको थोड़ा सा बुखार हुआ, आप मोहल्ला क्लीनिक जाइए। वहां आपको डॉक्टर दवाई देगा, डॉक्टर भी फ्री, दवाइयां भी फ्री, टेस्ट भी फ्री, सबकुछ फ्री है। अगर आपको बहुत बड़ी कोई बीमारी हो गई, जिसमें 20, 30 या 40 लाख रुपए खर्च है। आप जीटीबी, एलएनजेपी, जीबी पंत समेत दिल्ली सरकार के 38 बड़े-बड़े अस्पताल में जाइए हैं, वहां सारा इलाज फ्री है। सारा पैसा दिल्ली सरकार देगी। वहां आपसे पूछा नहीं जाएगा कि आप अमीर हो या गरीब हो। वहां वीपीएल के कार्ड की जरूरत नहीं है। अगर आपको कोई टेस्ट, एमआरआई, सिटी स्कैन या जो भी कराना है, तो दिल्ली सरकार के अस्पताल में भी फ्री हैं। अगर सरकारी अस्पताल में टेस्ट नहीं हो पाया, तो आप प्राइवेट अस्पताल में भी करा सकते हैं, सारा पैसा वापस मिल जाता है। मुझे नहीं लगता है कि अपने देश में ही नहीं, पूरी दुनिया में इस तरह की स्वास्थ्य सुरक्षा किसी भी राज्य के नागरिक को दी गई है। स्वास्थ्य एक ऐसा सेक्टर है, जो लोगों को गरीबी में ढकेल देता है। घर में कोई बीमार हो गया, कोई बड़ी बीमारी हो गई, तो उसे सबकुछ बेचना पड़ जाता है। उसका सबकुछ खत्म हो जाता है। यह दिल्ली के लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। शिक्षा और स्वास्थ्य की सुरक्षा बहुत बड़ी सुरक्षा है।
नोट- ये लेखक के अपने विचार हैं
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