हरिभूमि संपादकीय लेख: अम्फान से हुए नुकसान की भरपाई में कई बरस लगेंगे

महज दस घंटों में चक्रवाती तूफान अम्फान (Amfan) ने पश्चिम बंगाल और ओड़िशा में जो भयंकर तबाही मचाई उसकी पूर्ति करने में बरसों लगेंगे। अकेले पश्चिम बंगाल में ही 72 लोगों की मौत हो गई, वहीं ओड़िशा में एक व्यक्ति की जान चली गई। 190 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चली हवाओं के कारण कच्चे मकान ढह गए। वहां बिजली के खंभे उखड़ गए, कई जिलों में बिजली गुल हो गई। एक हजार से ज्यादा मोबाइल टावरों को भारी नुकसान पहुंचने के कारण मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं भी बंद हो गईं।
कई घरों की छतें उड़ गईं, सड़कों पर पानी भर गया। तूफान की गति इतनी ज्यादा थी कि सड़कों पर कारों को लुढ़कते देखा गया। कोलकाता एयरपोर्ट पर लोगों ने ऐसा पहली बार देखा। तूफान की रफ्तार के आगे 40-40 टन के जहाज भी थरथरा रहे थे। उनके पहियों के लिए चोक्स लगाए गए थे जिससे वे हवा में इधर-उधर हिलकर एक दूसरे को नुकसान न पहुंचा दें। तूफान के कारण प. बंगाल के उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों में पांच मीटर तक का ज्वार उठा, जिससे काफी दायरे में आने वाले क्षेत्र जलमग्न हो गए। बर्दवान, पश्चिम मिदनापुर और हुगली जिलों में धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। तूफान से हुए नुकसान के दृश्य दिल दहला देने वाले हैं।
इन्हें देखकर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि अम्फान के कारण पश्चिम बंगाल में हुई तबाही के विजुअल्स देख रहा हूं, यह काफी कठिन समय है, पूरा देश इस समय पश्चिम बंगाल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। राज्य के लोगों की बेहतरी के लिए हम कामना करते हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और ओड़िशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनाक से फोन पर बात की। इसके तुरंत बाद कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गाबा ने गृह मंत्रालय के अफसरों को निर्देश दिए कि वे दोनों प्रदेशों की सरकार के संपर्क में रहें। किसी भी तरह की जरूरत पड़ने पर मदद करें। यह भी तय हुआ कि जल्द ही गृह मंत्रालय की एक टीम दोनों प्रदेशों का दौरा करेगी और तूफान से होने वाले नुकसान का आंकलन करेगी।
हालांकि अम्फान (Amfan) अब कमजोर होकर सुपर साइक्लोन से साइक्लोन में बदल चुका है और बांग्लादेश की ओर चला गया है। बांग्लादेश में इसके चलते तटीय गांवों बर्बाद हो गए हैं, कई घरों को भारी नुकसान हुआ है और अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। प. बंगाल और ओड़िशा को इससे राहत तो मिली है, लेकिन परेशानी खत्म नहीं हुई है। अगले चार दिनों तक इससे प्रभावित क्षेत्रों में बरसात होती रहेगी, जिससे राहत कार्य में भी भारी परेशानी आ सकती है। एक तरफ पूरा देश कोविड-19 से कराह रहा है। ऐसे में माहौल में सोशल डिस्टेंसिंग कायम रखते हुए बिजली, मोबाइल सेवा शुरू करना सहज नहीं है। राज्य आपदा राहत बल सड़कों को साफ करने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य में जुटे हैं। सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाने के लिए भारी मशीनों को लगाया गया है। कोलकाता एयरपोर्ट समेत शहर के बड़े हिस्से में जलभराव हो गया है।
पानी को निकालने के लिए पंप सैट लगाए गए हैं। क्षतिग्रस्त हुए अपने मकानों के मलबे से लोगों को घर सामान निकालते हुए देखा गया है। अनेक लोगों ने फिर से घर बनाने के काम शुरू किया। ये हालात तो तब है जब मौसम विभाग द्वारा अम्फान की जानकारी देने के बाद केंद्र और राज्य सरकारों के आपदा प्रबंधन विभाग ने छह लाख से भी ज्यादा लोगों को तूफान से पहले सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था। अम्फान ने दोनों राज्यों में जो तांडव मचाया है और जितना नुकसान किया है, उसकी भरपाई में कई बरस लग जाएंगे। जिन 73 लोगों की जान चली गई, उसकी भरपाई तो हो नहीं सकती।
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