Dev Anand Birthday Special; देव आनंद को टॉप 20 डायलॉग्स ने बनाया सुपरस्टार, सुनते ही जुबां पर चढ़ जाएंगे डायलॉग

बॉलीवुड एक्टर देव आनंद आज भी हमारी यादों में है। कई शानदार फिल्मों और स्टाइल की वजह से आज भी वो काफी लोगों के दिलों में रहते है। देवआनंद का जन्म 26 सितंबर 1923 को पंजाब के गुरदासपुर के एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था। घर की मजबूरियों के चलते वो पैसा कमाने मुंबई आए और किस्मत ने उन्हें बॉलीवुड का सुपरहिट बना दिया। फिल्म से ज्यादा देव आनंद के डायलॉग्स सुपरहिट रहते थे।
'ना सुख है, ना दुख है, ना दीन है, ना दुनिया, ना इंसान, ना भगवान... सिर्फ मैं हूं, मैं हूं, मैं हूं'
'लगता है आज हर इच्छा पूरी होगी..पर मजा देखो, आज कोई इच्छा ही नहीं रही'
'ये आज़ादी की लड़ाई मेरे मर जाने से खत्म नहीं होगी... ये लड़ाई तो मेरे मर जाने के बाद शुरु होगी'
'जॉनी बुरे काम तो करता है लेकिन इमान के साथ', 'जिंदगी के दो हिस्से होते हैं.. एक सवाल दूसरा जवाब'
'बेकरारी हद से बढ़ जाए उसे सदा कहते हैं और वादा करके देर से आने को अदा कहते हैं'
'इंसान बड़ी चीज के पीछे वक्त आने पर छोटी चीज को छोड़ सकता है'
'जेल की दीवार को तोड़कर भाग जाना आसान है लेकिन प्यार और दोस्ती की दीवार को फांदना नामुमकिन है'
'मौत एक ख्याल है जैसे जिंदगी एक ख्याल है'
'जो आदमी अपनी नसीब को कोसता रहता है, उसका नसीब भी उसको कोसने लगता है'
'मैं जुबान से लफ्जों की तस्वीर खींचता हूं, अतीत तो सब दिखाते है, मैं कभी-कभी भविष्य भी दिखाता हूं'
'बुरे काम करते करते बुरी आदतें पढ़ ही जाती है'
'जिस रोज एक चोर दूसरे चोर पर भरोसा नहीं करेगा, उस रोज भगवान भी अल्लाह मिया पे भरोसा नहीं करेगा'
'तुम्हारे लिए चांद बेच सकता हूं लेकिन ईमान नहीं'
'सच्चाई की लड़ाई में मरने वाला हमेशा जिंदा रहता है'
'प्यार जब नफरत में बदल जाता है, तो खतरनाक हो जाता है'
'प्यार एक जज्बे का नाम है जो इंसान के मन में होता है'
'पर्दा है के चिलमन से लगे बैठे है, साफ छुपते भी नहीं, सामने आते भी नहीं'
'परिवार ही इंसान का गढ़ है, किला है, जो कभी टूटना नहीं चाहिए'
'हर ग्रेट प्लेयर के पीछे एक ग्रेटर प्लेयर होता है'
'इंतजारी का वक्त और दिल से बहुत ताल्लुक होता है, जब हमने इंतजार किया तो उनका दिल नहीं था और जब उन्होंने इंतजार किया तो हमारा दिल नहीं था'
देव आनंद ने फिल्म 'हम एक हैं' से बॉलीवुड में कदम रखा। उनकी बतौर एक्टर 'गाइड', 'जिद्दी', 'काला पानी', 'हरे कृष्णा हरे रामा', 'मुनीम जी' जैसी सुपरहिट फिल्में शामिल रही.. देवानंद ने 19 फिल्मों का निर्देशन किया और अपनी 13 फिल्मों की कहानी खुद लिखी। देव साहब को 2001 में पद्म भूषण और 2002 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया था।
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