Javed Akhtar Birthday: जावेद अख्तर की 10 ऐसी शायरियां, जो दिल से होकर गुजरती हैं...

Javed Akhtar Birthday: जावेद अख्तर की 10 ऐसी शायरियां, जो दिल से होकर गुजरती हैं...
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Javed Akhtar Birthday: जावेद अख्तर 17 जनवरी को 75वां जन्मदिन सेलिब्रेट करेंगे। उनके जन्मदिन पर आईये पढ़ते हैं ऐसी 10 शायरी... जो दिल को छू लेती है। इन शायरियों में दिल की बातें छिपी है।

बॉलीवुड गानों में अपने कलम से जादू बिखेरने वाले जावेद अख्तर 17 जनवरी को 75 साल के हो जाएंगे। उनका जन्म 17 जनवरी 1945 को ग्वालियर में हुआ। उनके पिता निसार अख्तर मशहूर लेखक थे और मां सफिया अख्तर एक उर्दू टीचर थीं। मां के इंतकाल के बाद वो अपनी खाला यानी मौसी के पास अलीगढ़ चले गए, जहां से उन्होंने पढ़ाई शुरू की। आगे की पढ़ाई उन्होंने भोपाल में की। जावेद अख्तर ने दो निकाह किए, उनकी पहले पत्नी से दो बच्चे हैं, जिनका नाम फरहान अख्तर और जोया अख्तर हैं। जावेद अख्तर को साल 1999 को पद्म भूषण और 2007 में पद्म भूषण से नवाजा जा चुका है। चलिए जन्मदिन के मौके पर गुनगुनाती हैं, जावेद अख्तर की कुछ शायरी...


हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है…

हम हैं मुसाफिर ऐसे जो मंज़िल से आए हैं


एहसान करो तो दुआओं में मेरी मौत मांगना,

अब जी भर गया है जिंदगी से !

एक छोटे से सवाल पर

इतनी ख़ामोशी क्यों…

बस इतना ही तो पूछा था-

'कभी वफा की किसी से' …


सब का ख़ुशी से फ़ासला एक क़दम है

हर घर में बस एक ही कमरा कम है


तुम अपने कस्बों में जाके देखो वहां भी अब शहर ही बसे हैं

कि ढूंढते हो जो जिंदगी तुम वो जिंदगी अब कहीं नहीं है


अपनी वजहें-बर्बादी सुनिये तो मजे की है

जिंदगी से यूं खेले जैसे दूसरे की है


इस शहर में जीने के अंदाज निराले हैं

होठों पे लतीफे हैं और आवाज में छाले हैं


जो मुंतजिर न मिला वो तो हम हैं शर्मिंदा

कि हमने देर लगा दी पलट के आने में


पहले भी कुछ लोगों ने जौ बो कर गेहूँ चाहा था

हम भी इस उम्मीद में हैं लेकिन कब ऐसा होता है


गिन गिन के सिक्के हाथ मेरा खुरदरा हुआ

जाती रही वो लम्स की नर्मी, बुरा हुआ


खो गयी है मंजिले, मिट गए है सारे रस्ते,

सिर्फ गर्दिशे ही गर्दिशे, अब है मेरे वास्ते..

काश उसे चाहने का अरमान न होता,

मैं होश में रहते हुए अनजान न होता

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