राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के विवादित बोल, आरएसएस और पूर्व न्यायाधीश पर साधा निशाना

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में भारतीय संविधान दिवस पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया पर निशाना साधा है। संविधान दिवस पर चर्चा के दौरान गहलोत ने विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्तियों का जिक्र कर भाजपा के लोगों पर इशारा करते हुए कहा कि आरएसएस का ही दबदबा बढ़ रहा है। आरएसएस देश में एक्सट्रा कांस्टीट्यूशनल अथॉरिटी के रूप में काम कर रही है। उनकी मर्जी के बिना कोई मंत्री नहीं बन सकता है। आरएसएस खुद को बदलकर राजनीतिक चुनाव में भाग लेनी चाहिए।
उन्होनें कहा आपातकाल के समय संजय गांधी पर आरोप लगा था कि वे एक्स्ट्रा कांस्टीट्यूशनल अथॉरिटी के रुप में काम कर रहे हैं। ये सब जानते है कि वे किस रुप में काम कर रहे थे। परंतु आज आरएसएस देश में एक्स्ट्रा कांस्टीट्यूशनल अथॉरिटी के आधार पर इतना दबदबा बढ़ा है कि उनकी इजाजत के बिना कोई मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री नहीं बन सकता है। उन्होनें कहा आरएसएस के प्रचारक रहे मोदी पहले मुख्यमंत्री बने, फिर प्रधानमंत्री बन गए। इससे साफ पता चलता है कि पूरे देश में आरएसएस का ही राज चल रहा है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने देश के हालात को चिंताजनक करार देते हुए रंजन गोगोई पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि दो साल पहले उच्चतम न्यायालय के चार न्यायाधीशों ने संवाददाता सम्मेलन किया। अब तो वह (रंजन गोगोई) सीजेआई है नहीं तो उन्हें देश को बताना चाहिए। आखिर देश भी जानना चाहता है कि चार जजों ने संवाददाता सम्मेलन में कुछ आरोप लगाए थे। तो बाद में क्या हो गया आपको। आप बाद में अचानक ही बदल गए। गहलोत ने कहा देश में इस तरह के हालात हैं कि न्यायपालिका दबाव में है। कोई भी बुद्धिजीवी सरकार की व्यक्तिगत स्तर पर भी आलोचना कर दे तो राजद्रोह का मामला दर्ज हो जाता है। क्या यह संविधान में लिखा हुआ है।
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