राजस्थान : कांग्रेस में नेताओं की बयानबाजी से संकट गहराया, पायलट को सीएम बनाने की मांग

राजस्थान : कांग्रेस में नेताओं की बयानबाजी से संकट गहराया, पायलट को सीएम बनाने की मांग
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राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक सचिव की राय है कि पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट को अशोक गहलोत की जगह मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए क्योंकि दरअसल उन्होंने पांच साल तक जो कड़ी मेहनत की उसी की वजह से विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत हासिल हुई।

राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में संकट गहराता नजर आ रहा है। पार्टी के कुछ पदाधिकारियों और नेताओं ने पार्टी की स्पष्ट सलाह के बावजूद लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में करारी हार के लिये आत्ममंथन और विस्तृत विश्लेषण की मांग उठाकर इस संकट को हवा देने का काम किया है। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक सचिव की राय है कि पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट (Sachin Pilot) को अशोक गहलोत (Ashok Gahlot) की जगह मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए क्योंकि दरअसल उन्होंने पांच साल तक जो कड़ी मेहनत की उसी की वजह से विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत हासिल हुई।

जयपुर से पार्टी उम्मीदवार और जयपुर की पूर्व मेयर ने भी खराब चुनावी प्रबंधन पर अपना विरोध जताते हुए कहा कि इसी के चलते उनकी हार हुई। उन्होंने जयपुर सीट (Jaipur Seat) पर विस्तृत विश्लेषण की मांग की है। प्रदेश सचिव सुशील आसोपा ने अपने फेसबुक पोस्ट पर मंगलवार को कहा कि यदि पार्टी ने पिछले वर्ष विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बना दिया होता तो लोकसभा चुनाव के परिणाम भिन्न होते।

आसोपा ने बताया कि पायलट ने पांच साल तक बहुत मेहनत की। पिछले साल विधानसभा चुनावों के दौरान युवाओं के बीच उनकी व्यापक स्वीकार्यता थी, युवाओं ने उन्हें राजस्थान के अगले मुख्यमंत्री के रूप में देखा था लेकिन वे निराश हो गये जब उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया। जयपुर सीट पर कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव हार चुकी ज्योति खंडेलवाल ने कहा कि उन्होंने जयपुर सीट की कार्यप्रणाली का विस्तृत विश्लेषण करने की मांग को लेकर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को एक पत्र लिखा है।

खंडेलवाल ने कहा कि जयपुर लोकसभा सीट पर 2014 के चुनाव के मुकाबले कांग्रेस के वोट शेयर में वृद्वि हुई है और यहां मोदी लहर का कोई प्रभाव नहीं था लेकिन जयपुर लोकसभा क्षेत्र के कुछ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सक्रियता नहीं दिखाई और बूथ प्रबंधन भी कमजोर था। उन्होंने इसकी जवाबदेही और जिम्मेदारी तय किए जाने की भी मांग की।

सोमवार को अशोक गहलोत मंत्रिमंडल के दो मंत्रियों उदयलाल अंजाना और रमेश मीणा ने पार्टी की लोकसभा चुनाव में करारी हार के लिये आत्ममंथन और विस्तृत विश्लेषण की मांग की थी। लोकसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने रविवार को मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देने की घोषणा की थी। सोशल मीडिया पर कटारिया के त्याग पत्र देने की खबर चर्चा में है।

जिसमें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के कारण उन्होंने त्यागपत्र दिया जाना बताया गया था। हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय और राजभवन ने मंत्री के त्यागपत्र की पुष्टि नहीं की थी। मंत्री से अब तक सम्पर्क नहीं किया जा सका है। इन परिस्थितियों में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे ने पार्टी नेताओं से अपील करते हुए कहा है कि हमारा संघर्ष जारी रहेगा।

कांग्रेस पार्टी नफरत फैलाने वाली विभाजनकारी ताकतों से लोहा लेने के लिये सदैव कटिबद्ध है। पाण्डे ने कहा कि लोकसभा चुनावों के नतीजों को लेकर सभी कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं को सार्वजनिक बयानबाजी से परहेज रखना चाहिये और पार्टी अनुशासन के तहत् मीडिया में प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिये। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही परिणामों के संदर्भ में समीक्षा बैठक का आयोजन किया जायेगा जिसमें सभी कांग्रेसजनों को अपने विचार रखने का अवसर मिलेगा।

उन्होंने कहा कि हम सबका दायित्व है कि पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को कायम रखने में अपना सहयोग प्रदान करें। राजस्थान में कांग्रेस की सभी 25 लोकसभा सीटों पर हार हुई है। भाजपा ने 24 सीटों पर जीत दर्ज की है जबकि भाजपा के गठबंधन सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने एक सीट पर दर्ज की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट पहले से ही दिल्ली में डेरा डाले हुए है।

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