गणतंत्र दिवस 2018: अगर ऐसे फहराएंगें देश का झंडा, तो बढ़ेगी तिरंगे की शान

गणतंत्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है, जो हर साल 26 जनवरी को मनाया जाता है। 26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू किया गया था।
एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 26 नवम्बर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इस संविधान को अपनाया गया था। लेकिन यहां हम आपको आज तिंरगा फेहराने का सही तरीका बताने जा रहे हैं।
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भारत का राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगों से बना है, इसलिए इसे तिरंगा कहा जाता है। तिरंगे में सबसे ऊपर गहरा केसरिया, बीच में सफ़ेद और सबसे नीचे गहरा हरा रंग बराबर अनुपात में है।
ध्वज को साधारण भाषा में झंडा भी कहा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं हमारे तिरंगे को फहराने के सही तरीका क्या है। अगर नहीं जानते है तो हम आपको बताते हैं। तिरंगे से जुड़ा सही नियम क्या है। जिनके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जाते हैं।
दरअसल कानूनन सूर्य निकलने और अस्त होने के बीच ही तिरंगा फहराया जा सकता है। देश की आन बान और शान तिरंगे को कभी भी जमीन पर नहीं रखा जा सकता है।
झंडा हाथ से काते और बुने गए ऊनी, सूती, सिल्क या खादी से बना होना चाहिए। साथ ही झंडे का आकार आयताकार होना चाहिए। इसकी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 का होना चाहिए।
वहीँ केसरिया रंग को नीचे की तरफ करके झंडा लगाया या फहराया नहीं जा सकता। भारत के तिरंगे को हमेशा जहां भी फहराया जाता है तो उससे ऊंचाई पर रखा जाता है ताकि उसको सभी से इस्तेमाल किया जा सकते।
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26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा भारतीय राष्ट्र ध्वज को फहराया जाता हैं और इसके बाद सामूहिक रूप में खड़े होकर राष्ट्रगान गाया जाता है।
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