Birthday Special: 49वां जन्मदिन मना रहे हैं 'प्रिंस ऑफ कोलकाता', इस वजह से दुनियाभर में की 'दादागिरी'

Birthday Special: 49वां जन्मदिन मना रहे हैं प्रिंस ऑफ कोलकाता, इस वजह से दुनियाभर में की दादागिरी
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पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) 49 साल के हो गए हैं। ‘प्रिंस ऑफ कोलकाता’ और ‘रॉयल बंगाल टाइगर’ के नाम से जाने जाने वाले दादा ने अपने क्रिकेट करियर (Cricket career) में कई उपलब्धियां हासिल की हैं।

खेल। बीसीसीआई (BCCI) के मौजूदा अध्यक्ष और पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) 49 साल के हो गए हैं। 'प्रिंस ऑफ कोलकाता' और 'रॉयल बंगाल टाइगर' के नाम से जाने-जाने वाले दादा ने अपने क्रिकेट करियर (Cricket career) में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। सौरव गांगुली एकमात्र क्रिकेट कप्तान थे। जिन्होंने भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) को नई पहचान दिलाई। उनकी कप्तानी और बल्लेबाजी स्टाइल का हर कोई कायल था।

क्रिकेट में शानदार डेब्यू

वहीं दादा ने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत 1996 में क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स से की। जहां उन्होंने 131 रन की शानदार पारी खेली। उन्होंने 113 टेस्ट मैचों में 7212 और 311 वनडे खेलने के बाद 11363 रन अपने खाते में जोड़े। साथ ही उनके नाम भारत की ओर से वर्ल्ड कप में सबसे बड़ा स्कोर बनाने का रिकॉर्ड भी है।

विदेशी जमीन पर जमाई धाक

लंबे समय से भारत को अपनी धरती पर शेर और विदेशी जमीन पर मेमना माना जाता था। इसका कारण था कि विदेशी धरती पर भारतीय टीम को असफलता का मुंह देखना पड़ता था। लेकिन इस भ्रम को तोड़ा सौरव गांगुली ने, उन्हीं की कप्तानी थी। जिसमें भारतीय टीम ने ना सिर्फ घरेलू जमीन पर मैच जीते बल्कि विदेशी धरती पर भी अपना लोहा मनवाया।

दुनियाभर में की 'दादागिरी'

साल 1996-98 के दौरान कनाडा में भारत और उसके चिर- परिचित प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के बीच पांच वनडे मैचों की द्विपक्षीय सीरीज सहारा कप खेला गया था। जिसके दूसरे संस्करण यानी की 1997 में गांगुली की कप्तानी में भारत ने 4-1 से जबरदस्त जीत हासिल की। साथ ही इस सीरीज के बाद भारत को पांच 'मैन ऑफ द मैच' से भी नवाजा गया। इसके बाद 1998 में ढाका में हुए इंडिपेंडेंस कप में भी भारतीय टीम ने पाकिस्तान को पछाड़ कर खिताब पर अपना कब्जा जमाया।

फिर साल 2000-2001 के दौरान ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में लगातार 15 मैच जीतकर भारतीय टीम जीत के रथ पर सवार थी। जिसके बाद कंगारुओं की टीम ने भारत का दौरा किया। स्टीव वॉ की कप्तानी में तीन मैचों की सीरीज में ऑस्ट्रेलिया ने भारत पर आसान जीत दर्ज की। जिसके बाद ऐसा लगा ऑस्ट्रेलिया ही इस मैच को जीतेगी लेकिन हुआ बिलकुल इसके उल्ट। दरअसल राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की रिकॉर्डतोड़ पार्टनरशिप के कारण भारत ने इस मैच को भी अपने खेमे में कर लिया था।

वहीं इसके बाद भारत ने चेन्नई टेस्ट भी जीतकर सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली। गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम ने कोलकाता टेस्ट जीतक ऑस्ट्रेलिया के लगातार 16 जीत के रिकॉर्ड को धराशाही कर दिया।

टी-शर्ट को हवा में लहराया

अपनी कप्तानी का लोहा मनवाने वाले सौरव गांगुली ने लॉर्ड्स में भी जमकर अपना जलवा बिखेरा। 2002 में इंग्लैंड दौरे पर गई भारतीय टीम इंग्लिश टीम के खिलाफ नेटवेस्ट ट्रॉफी खेल रही थी। जिसके बाद 326 रनों का पीछा करते हुए टीम के सलामी बल्लेबाज युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ की यादगार पारी ने टीम को जीत दिलाई। ये वही समय था जब लॉर्ड्स की बालकनी में मैच देख रहे सौरव गांगुली ने जीत के बाद उत्साहित होकर अपनी टी-शर्ट निकाली और हवा में लहराने लगे। दरअसल उन्होंने एंड्रयू फ्लिंटॉफ को सबक सिखाने के मकसद से ऐसा किया था। बता दें कि इससे पहले फ्लिंटॉफ ने भारत दौरे के दौरान मैदान में टी-शर्ट निकाल कर हवा में लहराई थी।

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