फारुख इंजीनियर ने कहा- कभी हमें घटिया समझने वाले इंग्लैंड के खिलाड़ी आज IPL की वजह से चाटते हैं हमारे तलवे

खेल। इंग्लैंड (England) के तेज गेंदबाज ओली रॉबिन्सन (Olli Robinson) के 8 साल पुराने ट्वीट के कारण निलंबित (Ollie Robinson Suspended) होने के बाद क्रिकेट में नस्लवाद का मुद्दा फिर गरमा गया है। वहीं पूर्व भारतीय विकेटकीपर फारुख इंजीनियर (Farokh Engineer) ने इंग्लैंड के प्रधानमंत्री (Prime Minister of England) बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) के रॉबिन्सन के निलंबन को गलत ठहराने के बयान पर नाराजगी जताई है। दरअसल उन्होंने कहा कि मैं अखबारों में प्रधानमंत्री जॉनसन के बारे में पढ़ रहा हूं, मझे लगता है कि किसी प्रधानमंत्री के लिए इस तरह के मामले में बयान देना बिल्कुल गलत है। मुझे लगता है कि इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) ने उन्हें सस्पेंड करके बिल्कुल सही किया है। उन्होंने गलती की है, तो उसकी सजा मिलनी चाहिए और ये दूसरे खिलाड़ियों के लिए उदहारण बनना चाहिए।
बता दें कि फारुख काफी सालों पहले इंग्लैंड में बस चुके हैं, उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार के साथ बातचीत के दौरान नस्लवाद को लेकर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने खुलासा किया है कि कैसे उन्हें इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेलने के दौरान नस्लवाद का सामना करना पड़ा था। दरअसल फारुख 1960 के शुरुआती सालों में लैंकशर की ओर से काउंटी क्रिकेट खेले थे। साथ ही उन्होंने बताया कि जब मैं पहली बार काउंटी क्रिकेट खेलने यहां आया तो लोग अलग नजर से मुझे देखते थे कि ये भारत से आया है। लैंकशर की ओर से खेलते हुए मैंने एक-दो बार नस्लीय टिप्पणियों का सामना किया था। हालांकि, टिप्पणियां व्यक्तिगत नहीं होती थी, मुझे सिर्फ इसलिए निशाना बनाया जाता था कि मैं भारत से आया था और मेरे बोलने का लहजा अलग था।
मैंने नस्लवाद का मुंहतोड़ जवाब दिया था: फारुख
वहीं पूर्व विकेटकीपर ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि मेरी अंग्रेजी वास्तव में अधिकांश अंग्रेजों से बेहतर है, इसलिए जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि आप फारुख इंजीनियर के साथ खिलवाड़ नहीं करते हैं, उन्हें मैसेज मिल गया था मैंने उन्हें जोरदाव जबाव दिया। इतना ही नहीं, मैंने अपने बल्ले और विकेटकीपिंग से खुद को साबित किया। मुझे बस गर्व था कि मैंने भारत के एक नुमाइंदे के तौर पर खुद को रखा और देश की साख बढ़ाने का काम किया।
इंग्लिश खिलाड़ियों का रवैया बदला
साथ ही उन्होंने आगे कहा कि जब से आईपीएल शुरू हुआ है, इंग्लैंड के खिलाड़ी हमारे तलवे चाट रहे हैं। मुझे हैरानी होती है कि सिर्फ पैसे की वजह से, वे अब हमारे जूते चाट रहे हैं। लेकिन मेरे जैसे लोग जानते हैं कि शुरू में उनका रंग कैसा था, अब उन्होंने पैसों के चक्कर में अपना रवैया पूरी तरह बदल लिया है। वहीं इंग्लिश खिलाड़ियों को लगता है कि भारत में पैसे कमाए जा सकते हैं, फिर चाहें वो क्रिकेट न खेल रहे हों, लेकिन कॉमेंट्री या टीवी शो के जरिए वो ऐसा कर सकते हैं।
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