पूर्व सेलेक्टर का दावा- 'धोनी को मौका दिलाने के लिए सौरव गांगुली को 10 दिन तक मनाना पड़ा'

खेल। भारतीय टीम के पूर्व क्रिकेटर (Former Indian Selector) किरण मोरे (Kiran More) ने दावा किया है कि एमएस धोनी (MS Dhoni) को भारतीय टीम में शामिल करने के लिए उन्हें सौरभ गांगुली (Sourav Ganguly) को 10 दिनों तक मनाना पड़ा। बता दें कि इंटरनेशनल डेब्यू (International Debut) करने से पहले ही धोनी घरेलू क्रिकेट (Domestic Cricket) में तहलका मचा चुके थे। लेकिन इसके बावजूद धोनी को भारतीय टीम में शामिल होने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। किरण मोरे ने दावा किया कि उन्होंने ही धोनी की खोज की। साथ ही धोनी को टीम में शामिल करने के लिए 10 दिन तक मोरे भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को मनाते रहे।
राहुल द्रविड थे टीम में विकेटकीपर
वहीं मोरे ने बताया कि उस समय हमें एक ऐसे विकेटकीपर की तलाश थी जो आक्रामक बल्लेबाजी भी कर सके और राहुल द्रविड़ की जगह ले सके और हमारी तलाश धोनी पर जाकर खत्म हुई। बता दें कि साल 2001 में भारत के लिए दीप दासगुप्ता, साल 2002 में अजय रात्रा, साल 2003 में पार्थिव पटेल और 2004 में दिनेश कार्तिक बतौर विकेटकीपर डेब्यू कर चुके थे। हालांकि इनमें से कोई भी टीम में स्थायी जगह नहीं बना पाया था। उस दौरान वनडे में विकेटकीपर की भूमिका राहुल द्रविड़ निभा रहे थे। द्रविड़ ने वर्ल्ड कप 2003 में बतौर विकेटकीपर ही खेला था।
मोरे आगे बताते हैं, "उस समय हम एक पावर हिटर की तलाश कर रहे थे जो 6 या 7 नंबर पर आकर तेजी से 40-50 रन बना सकें। राहुल द्रविड़ विकेटकीपिंग कर रहे थे और 75 मैच बतौर विकेटकीपर खेल चुके थे। इस वजह से हम एक विकेटकीपर की तलाश जोर-शोर से कर रहे थे।
दलीप ट्रॉफी के फाइनल में धोनी की धमाकेदार पारी
इसके साथ ही साल 2004 में दलीप ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला नार्थ जोन और ईस्ट जोन के बीच खेला गया था। ईस्ट जोन की तरफ से दीपदास गुप्ता नियमित विकेटकीपर थे। मोरे ने बताया, "मेरे सहयोगी ने पहले धोनी की बल्लेबाजी देखी थी। फिर मैंने उन्हें जाकर देखा, धोनी ने उस मैच में 170 में से 130 रन बनाए थे। हम चाहते थे कि फाइनल में बतौर विकेटकीपर धोनी खेलें। इसके बाद धोनी को लेकर गांगुली और दीपदास गुप्ता से मेरी काफी बहस भी हुई थी। फिर मुझे सौरव और उनके चयनकर्ताओं को फाइनल में दीपदास गुप्ता से विकेटकीपिंग ना कराने और एमएस धोनी को कीपिंग करने देने के लिए समझाने में 10 दिन लग गए।" वहीं दलीप ट्रॉफी के फाइनल में धोनी ने ओपनिंग की थी। धोनी ने पहली पारी में 21 और दूसरी पारी में सिर्फ 47 गेंदों में 60 रन बनाए थे।
किरण मोरे ने आगे कहा कि धोनी ने नार्थ जोन के सभी गेंदबाजों के खिलाफ रन बनाए, जिसमें आशीष नेहरा भी शामिल थे। इसके बाद हमने उन्हें इंडिया ए के साथ केन्या भेजा, जहां उन्होंने ट्राई सीरीज में लगभग 600 रन बनाए थे और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
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