IPL में चाइनीज कंपनी वीवो से हो सकता है करार खत्म, अगले हफ्ते होगी मीटिंग

IPL में चाइनीज कंपनी वीवो से हो सकता है करार खत्म, अगले हफ्ते होगी मीटिंग
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इस वर्ष आईपीएल 2020 का आयोजन भी नहीं हो सका, लेकिन बीसीसीआई आईपीएल 2020 को लेकर भी सभी विकल्पों पर काम कर रहा है। क्योंकि आईपीएल 2020 नहीं होने से बोर्ड को बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है।

भारत चीन सीमा (India China Face Off) पर खूनी लड़ाई के बाद अब भारत में चाइनीज कंपनियों (Boycott Chinese Company) का बायकाट शुरू हो गया है, इसी कड़ी में भारतीय लोगों ने बीसीसीआई (BCCI) को भी निशाने पर ले लिया है। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग इंडियन प्रीमियर लीग (IPL Title Sponsor) का टाइटल स्पॉन्सरशिप है वीवो कंपनी (Ipl Vivo Contract), जो एक चाइनीज कंपनी है।

आईपीएल में वीवो कंपनी का टाइटल स्पॉन्सरशिप के लिए करार 5 साल तक के लिए था, जो वर्ष 2022 तक चलेगा। लेकिन लोगों के विरोध के बाद अब आईपीएल गवर्निंग कॉउंसिल मीटिंग में वीवो कंपनी से करार खत्म करने पर विचार किया जाएगा।

वीवो कंपनी से करार खत्म करने पर होगा विचार

आईपीएल गवर्निंग कॉउंसिल (IPL Governing Council) की मीटिंग अगले हफ्ते होनी है, जिसमे वीवो कंपनी से करार खत्म करने को लेकर सभी विकल्प देखे जाएंगे। बीसीसीआई एक अमीर क्रिकेट बॉडी है, लेकिन इस समय कोरोना के कारण सभी बोर्ड्स की तरह बीसीसीआई को भी थोड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है।

इस वर्ष आईपीएल 2020 का आयोजन भी नहीं हो सका, लेकिन बीसीसीआई आईपीएल 2020 को लेकर भी सभी विकल्पों पर काम कर रहा है। क्योंकि आईपीएल 2020 नहीं होने से बोर्ड को बड़ा आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है।

2199 करोड़ का है करार

वीवो कंपनी ने बीसीसीआई से आईपीएल के लिए 2199 करोड़ रुपयों में ये करार किया था, जो अगले पांच सालों तक के लिए था। इससे पहले बीसीसीआई के कोषाध्यक्ष अरुण धूमल ने कहा था कि वीवो से करार खत्म करने से भारत का नुकसान है न कि चीन का, क्योंकि इससे चीन कोई पैसा नहीं जाता बल्कि आता है। उन्होंने कहा था कि हमने किसी स्टेडियम बनाने का ठेका चाइनीज कंपनी को नहीं दिया, फिर भी आईपीएल स्पॉन्सरशिप टाइटल के लिए वीवो से करार खत्म किया जा सकता है।

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