Birthday Special: 'लिटिल मास्टर' के नाम इतिहास में दर्ज हैं कई रिकॉर्ड, 10 हजार रन बनाने वाले पहले क्रिकेटर

Birthday Special: लिटिल मास्टर के नाम इतिहास में दर्ज हैं कई रिकॉर्ड, 10 हजार रन बनाने वाले पहले क्रिकेटर
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सुनील गावसकर ने अपने डेब्यू मैच में इतिहास रच दिया था। दरअसल उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने करियर की शुरुआत की जिसमें चार टेस्ट मैचों में उन्होंने चार सेंचुरी लगाई, 154 औसत से 774 रन बनाए थे।

खेल। 1970-71 के दौर में जब एक 5फुट 5 इंच के खिलाड़ी ने अपने डेब्यू मैच में ही इतिहास रच दिया। वो छोटी हाइट का खिलाड़ी आगे चलकर 'लिटिल मास्टर' कहलाया। वो और कोई नहीं बल्कि भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और बल्लेबाज सुनील गावस्कर हैं। गावस्कर 10 जुलाई को अपना 72वां जन्मदिन मना रहे हैं। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने करियर की शुरुआत की थी। और चार टेस्ट मैचों में उन्होंने चार सेंचुरी लगाई, 154 औसत से 774 रन बनाए थे। उस समय वेस्टइंडीज टीम काफी ताकतवर मानी जाती थी उसे हारना आसान नहीं था। बता दें कि वेस्टइंडीज जैसी टीम को उसके घर में भारत ने न सिर्फ पहली बार मात दी, बल्कि कैरेबियाई धरती पर पहली बार सीरीज पर कब्जा भी जमाया।

वहीं लिटिल मास्टर ने भारत के लिए कुल 34 टेस्ट शतक लगाए जिसमें से 22 मैच ड्रॉ रहे। साथ ही उन्होंने दिग्गज सर डॉन ब्रैडमैन के 29 टेस्ट शतक के रिकॉर्ड को भी तोड़ा है।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहले 10 हजारी

इसके साथ ही वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 10 हजार रन बनाने वाले बल्लेबाज भी हैं, साथ ही लगातार 100 टेस्ट खेलने वाले पहले क्रिकेट भी बने। उन्होंने अपने आखिरी टेस्ट में पाकिस्तान के खिलाफ 96 रन बनाए, इस सीरीज में साल 1986-87 के दौरान काफी शानदार पारी खेली। हालांकि भारत को ये मैच 16 रन से गंवाना पड़ा।

सबसे 'स्लो पारी' खेली

वहीं गावसकर ने अपने करियर में 125 टेस्ट और 108 वनडे मैच खेले हैं। साथ ही उनके नाम टेस्ट करियर में 10122 रन और वनडे इंटरनैशनल में कुल 3092 रन दर्ज हैं। टेस्ट में उन्होंने कुल 34 शतक लगाए और 45 अर्धशतक अपने नाम किए। इसके साथ ही साल 1975 में पहला वर्ल्ड कप खेला गया। जिसमें 7 जून को इंग्लैंड के खिलाफ गावसकर ने 174 गेंदों पर नाबाद 36 रनों की सबसे स्लो पारी खेली थी। जिसका जिक्र आज भी कई बार होता है।

कई सम्मान मिले

1980 में सुनील गावसकर को क्रिकेट में उनके योगदान के लिए पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उसी साल उन्हें विजडन क्रिकेटर ऑफ द ईयर भी चुना गया। 2009 में वह आईसीसी हॉल ऑफ द फेम में शामिल हुए और 2012 में उन्हें सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से नवाजा गया।

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