कुलदीप यादव को मौका नहीं देने पर विराट-शास्त्री पर भड़के कोच कपिल पांडेय, कहा- घर की मुर्गी दाल बराबर

उम्मीद जताई जा रही थी कि इंग्लैंड के खिलाफ खेली जा रही घरेलू टेस्ट सीरीज (India vs England) में कुलदीप यादव (Kuldeep Yadav) को मौका मिलेगा, लेकिन चेन्नई में खेले गए पहले टेस्ट मैच की प्लेइंग इलेवन में उन्हें शामिल नहीं किया गया। भारत को इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में 227 रनों से हार का सामना करना पड़ा। जिसके बाद कुलदीप यादव के बचपन के कोच कपिल पांडे (Kapil Pandey) कप्तान विराट कोहली और कोच रवि शास्त्री पर भड़के हैं। उन्होंने प्रंबंधन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, 'टेस्ट क्रिकेट में कम मौके मिलने के कारण कुलदीप यादव अब तक 200 टेस्ट विकेट भी नहीं ले पाए हैं।
वहीं उन्होंने पूछा, ''भारत ने ऑल राउंडर अक्षर पटेल (Axar patel) की जगह शाहबाज नदीम (Shahbaz nadeem) को चुना और कुलदीप यादव को अनदेखा किया। कुलदीप ने अपने आखिरी टेस्ट में पांच विकेट लिए थे। इसके बाद से टीम प्रंबंधन ने उन्हें कोई अवसर नहीं दिया। स्वाभाविक रूप से उनपर दबाव बढ़ रहा है। हर खिलाड़ी को भरपूर मौके मिलने चाहिए। वाशिंगन सुंदर (Washington sunder) को खुद को साबित करने के लिए मौके मिल रहे हैं। नदीम को दो मौके मिले तो कुलदीप को मौका क्यों नहीं?''
कपिल पांडे ने कहा, ''यदि कुलदीप ने किसी और देश के लिए 50 टेस्ट खेल लिए होते तो वह 200 विकेट ले चुके होते।'' रविंद्र जडेजा के चोटिल होने के बाद कुलदीप पहला विकल्प होना चाहिए था, लेकिन टीम प्रबंधन ने नदीम को मौका देकर सबको चकित कर दिया। चेन्नई में स्पिनरों की परफॉर्मेंस पर पांडे ने कहा स्थानीय रविचंद्रन अश्विन के अलावा किसी दूसरे स्पिनर ने प्रभावित नहीं किया। बता दें कि नदीम ने दोनों पारियों में मुश्किल से चार विकेट लिए। वाशिंगटन को कोई विकेट नहीं मिली। जिससे भारत पहला टेस्ट बड़े अंतर से हार गया।
कपिल पांडे ने शाहबाज नदीम के चयन पर तंज कसते हुए कहा, ''जो खिलाड़ी टीम के साथ लगातार प्रैक्टिस कर रहा है, उसे ही टीम में मौका नहीं मिल रहा है.'' उन्होंने आगे कहा, ''कुलदीप यादव लगातार टीम के साथ ट्रेवल कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें मौका नहीं मिला है। वो एक कहावत है- 'घर की मुर्गी दाल बराबर' इसलिए आप उन्हें समझने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। आप उनके नंबर नहीं देख रहे हैं, आप उन्हें एक सामान्य क्रिकेटर की तरह ही देख रहे हैं।'
उन्होंने कहा, ''अगर वह एक मैच में भी थोड़ा अंडर परफॉर्म करते हैं तो उन्हें साइडलाइन कर दिया जाता है। वहीं, दूसरी तरफ बाकी खिलाड़ियों को कई मौके दिए जाते हैं। आप उस खिलाड़ी को टीम में शामिल करते हैं, जो टीम में नहीं हैं और उसकी कोई तैयारी भी नहीं है। कप्तान और कोच की महानता कहां है? जो खिलाड़ी की टीम के साथ नियमित रूप से प्रैक्टिस कर रहे हैं, उसे मौका नहीं मिल रहा है।''
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