भारत और चीन के बीच तनाव कम होने पर BCCI ने फिर इस चीनी कंपनी को बनाया IPL का स्पॉन्सर

भारत और चीन के बीच तनाव कम होने पर BCCI ने फिर इस चीनी कंपनी को बनाया IPL का स्पॉन्सर
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इंडियन प्रीमियर लीग 2021 (IPL 2021) के टाइटल स्पॉन्सर (Title Sponsor) के रूप में चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी वीवो (Vivo) की वापसी हो गई है।

खेल। इंडियन प्रीमियर लीग 2021 (IPL 2021) के टाइटल स्पॉन्सर (Title Sponsor) के रूप में चीनी मोबाइल निर्माता कंपनी वीवो (Vivo) की वापसी हो गई है। दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के पास स्थित फिंगर 4 एरिया से चीन ने अपनी सेना पीछे हटा ली है। जिसके बाद आईपीएल (IPL 14) के 14वे संस्कारण में वीवो (Vivo) की टाइटल प्रायोजक के रूप में वापसी हो गई है। वहीं बुधवार को वीवो इंडिया (Vivo India) के निदेशक निपुन मार्या (Nipun Marya) ने समाचार एजेंसी पीटीआई को इसकी जानकारी दी। बता दें कि पिछले साल पूर्वी लद्दाख में हिंसात्मक झड़पों के बाद भारत-चीन सीमा पर तनाव को देखते हुए चाइनीज कंपनी (Chinese company) का प्रायोजन निलंबित कर दिया गया था।

इसके साथ ही वीवो का बीसीसीआई (BCCI) के साथ 440 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष प्रायोजन है। इस दौरान वीवो इंडिया (Vivo India) के निदेशक निपुन मार्या ने कहा कि, "वीवो आईपीएल के टाइटल स्पॉन्सर (Title Sponsor) के रूप में वापस आ गया है, और यह हमारे लिए बहुत उत्साहजनक और रोमांचक है। क्योंकि आईपीएल भारत में सबसे बड़ी संपत्ति के साथ ही खेल और मनोरंजन का एक आदर्श समागम है, इसलिए हम नौ अप्रैल को आईपीएल के शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा कि, 'हमारा पुराना अनुबंध जैसा है वैसा ही है। और हम अनुबंध पर पहले से लागू सभी नियमों और शर्तों पर कायम हैं।' इससे पहले आईपीएल के 13वें संस्कारण का 'टाइटल' प्रायोजक ड्रीम 11 था। ड्रीम 11 ने 222 करोड़ रुपये में आईपीएल 2020 लिए स्पॉन्सरशिप अधिकार खरीदे थे।

वहीं बीसीसीआई (BCCI) सूत्रों ने पीटीआई से कहा, ''ड्रीम 11 और अनएकेडमी ने इस साल के लिये जो पेशकश की थी वह वीवो की उम्मीदों के अनुरूप नहीं थी। इसलिए उसने इस साल खुद प्रायोजक बनने और अगले साल संभावनाएं तलाशने का फैसला किया है।'' विवो पांच साल के करार के लिये एक वर्ष में जितनी धनराशि देगा यह उससे लगभग आधी थी। रिपोर्टों के अनुसार विवो ने 2018 से 2022 तक आईपीएल प्रायोजन अधिकार 2190 करोड़ रुपये हासिल किये थे।

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