महिला क्रिकेटर झूलन गोस्वामी शिखा पांडे से सहमत, कहा- नहीं होनी चाहिए छोटी बॉउंड्री

महिला क्रिकेट को अट्रैक्टिव बनाने के लिए स्टेडियम का आकार छोटा करना, गेंद को छोटा बनाना आदि बातों पर कुछ महिला क्रिकेटर्स ने सुझाव दिया था। इसको लेकर भारतीय महिला तेज गेंदबाज शिखा पांडे ने असमति जताते हुए कहा था कि महिला क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए ग्रास रुट पर काम करने की जरुरत है, न कि खेल नियमों से छेड़छाड़ करने की।
अब इस पर अनुभवी महिला क्रिकेटर झूलन गोस्वामी ने भी सहमति जताते हुए कहा कि मै शिखा पांडे से पूरी तरह समहत हूं। उन्होंने कहा कि महिला क्रिकेट को अट्रैक्टिव बनाने के लिए कई तरह के सुझाव दिए जाते हैं, जबकि अन्य खेल जैसे फुटबॉल में कोई नियम बदलाव की बात नहीं होती। उन्होंने आगे कहा कि खेल को अट्रैक्टिव बनाने के लिए टेक्नोलॉजी के उपयोग की जरुरत है।
तेज गेंदबाज गोस्वामी ने आगे कहा कि मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड पर हुए महिला विश्व कप फाइनल में 86 हजार दर्शक थे, ये संकेत है महिला क्रिकेट में सकारात्मक बदलाव का। वहीं 2017 वर्ल्ड कप में भी रिकार्ड्स दर्शक आए थे, ऐसे में हमें क्रिकेट के स्टैण्डर्ड और टेक्निक को बढ़ाने पर काम करना चाहिए, जो किया भी जा रहा है।
शिखा पांडेय ने दौड़ का उदहारण देकर समझाया
इससे पहले महिला गेंदबाज शिखा पांडे ने दौड़ का उदहारण देते हुए समझाया था कि ओलिंपिक में महिला धाविकाएं 100 मीटर दौड़ती है, और पुरुष के साथ बराबरी या उनके रिकॉर्ड समय की बराबरी के लिए महिला धाविका के लिए फिनिश लाइन 80 मीटर नहीं होती।
शिखा पांडे महिला क्रिकेट मैच में छोटी बॉउंड्री करने के पक्ष में नहीं हैं, उन्होंने साथ ही कहा कि महिलाऐं भी पॉवरफुल है और ये हमने पिछले काफी समय से दर्शकों को दिखाया भी है। इसलिए बॉउंड्री छोटी करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए। इसके साथ शिखा ने पुरुष क्रिकेट के साथ महिला क्रिकेट की तुलना नहीं करने को भी कहा।
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