लार प्रतिबंध पर बोले पूर्व भारतीय गेंदबाज, स्किल वाले गेंदबाज नहीं बनाते बहाने

कोरोना के बाद शुरू हो रहे क्रिकेट में कई नए बदलाव देखने को नजर आएंगे। स्टेडियम में जहां बिना दर्शकों के मैच खेला जाएगा, वहीं क्रिकेटर के जश्न का तरीका भी अलग होने वाला है। क्रिकेट के नए रूल्स में एक खास नियम होगा, जिस पर फिलहाल सबसे ज्यादा चर्चा चल रही है। और वो है लार के प्रयोग पर, जो आईसीसी ने फिलहाल के लिए बैन (Saliva Ban In Cricket) कर दिया है।
कई गेंदबाज मानते हैं कि इसके कारण क्रिकेट बल्लेबाजों के पक्ष में हो जाएगा, जबकि कई गेंदबाज इसके उलट मानते हैं और कहते हैं कि इससे गेंदबाजी पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। और इसके पीछे उनका तर्क है कि गेंदबाज पसीने का इस्तमाल कर गेंद को शाइन करवा सकता है। अब इस पर भारतीय पूर्व स्पिन गेंदबाज लक्ष्मण शिवरामकृष्णन का मत आया है, जो उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में दिया।
लार बैन से नहीं पड़ेगा अधिक फर्क - लक्ष्मण शिवरामकृष्णन
लक्ष्मण मानते हैं कि तेज गेंदबाज को रिवर्स स्विंग करवाने के लिए लार का प्रयोग करना पड़ता है और अब वह लार का प्रयोग नहीं कर सकते, लेकिन उसके पास पसीने के प्रयोग करने की छूट है।
लक्ष्मण ने कहा कि जिन गेंदबाजों के पास स्किल होती है वो विकेट लेने के लिए अन्य तरीका निकालेंगे और इस चुनौती को स्वीकारेंगे, जबकि अनस्किल गेंदबाज सिर्फ बहाने बनाते हैं। लक्ष्मण ने कहा कि ये नियम कोरोनावायरस के संक्रमण को कम करने के लिए सुरक्षा के नजरिए से बनाया गया है, जिसे स्वीकार करना होगा।
4 दिन में खत्म हो जाता है टेस्ट क्रिकेट - लक्ष्मण
पूर्व गेंदबाज ने कहा कि आज कल टेस्ट क्रिकेट 4 दिन में खत्म हो जाता है, और सभी बल्लेबाज आउट होकर चले जाते हैं। तो आप बल्लेबाज के फेवर वाला खेल नहीं कह सकते हैं। सिर्फ सिमित ओवर के खेल में आपको फ्लैट विकेट मिलता है, और बल्लेबाज 300-350 रन बनाते हैं। टेस्ट क्रिकेट में आजकल बहुत कम पांचवे दिन तक खेल जाता है, और जाता भी है तो रिजल्ट निकलता है ऐसे में बल्लेबाजों वाला खेल क्रिकेट को कहना सही नहीं है।
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