Muralitharan Birthday: जानिए चंडीगढ़ के डॉक्टर को मुरलीधरन ने अपने अंतिम मैच में क्यों बुलाया था

Muralitharan Birthday: श्रीलंका क्रिकेट टीम के पूर्व स्पिन गेंदबाज मुथैया मुरलीधरन (Muttiah Muralitharan) आज अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं। मुरलीधरन को गेंदबाजी में सचिन कहा जाता था, क्योंकि उनकी गेंदबाज के सामने दुनिया का कोई बल्लेबाज बेखौफ होकर खेल ही नहीं सकता था। उन्होंने अपने टेस्ट करियर में 800 विकेट (Highest Wicket Taker In Test Cricket) लिए, जो वर्तमान में भी हाईएस्ट टेस्ट विकेट है।
मुरलीधरन के सर्वाधिक विकेट का रिकॉर्ड को तोड़ना तो दूर कोई गेंदबाज इसके समीप भी नहीं खड़ा है। इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगाइए कि टेस्ट सर्वाधिक विकेट में दूसरे नंबर के गेंदबाज (शेन वार्न) के नाम 708 विकेट हैं, यानी 88 विकेट दूर जबकि वो भी क्रिकेट से सन्यास ले चुके हैं।
क्रिकेट गेंदबाजी के बादशाह ने वर्ष 1992 में पहला टेस्ट खेला था। मुरलीधरन ने अपना आखिरी टेस्ट वर्ष 2010 में भारत के खिलाफ खेला था। गॉल इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए इस मैच में मुरलीधरन ने एक खास शख्स को न्यौता दिया था, और वो शख्स ही थे जिसकी वजह से मुरलीधरन अपने क्रिकेट में इतने बड़े मुकामों को हासिल कर सकें!
मुरलीधरन पर लगते थे चकिंग के आरोप
चकिंग क्रिकेट में एक अमान्य गेंदबाजी एक्शन होता है, इसमें यह देखा जाता है कि गेंदबाज का हाथ कितने डिग्री तक मुड़ रहा है। नियम के मुताबिक गेंदबाज द्वारा 15 डिग्री से अधिक हाथ मुड़ने पर चकिंग होती है। इसको लेकर ऑस्ट्रेलियाई टीम ने उन पर सवाल भी खड़े किए। चंडीगढ़ के एक ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट के प्रोफेसर मनदीप सिंह ढिल्लों ने मुरलीधरन को इस चकिंग के चक्कर से निकला, और उनकी मदद की।
8️⃣0️⃣0️⃣ Test wickets
— ICC (@ICC) April 17, 2020
5️⃣3️⃣4️⃣ ODI wickets
The most prolific bowler in cricket history!
Happy birthday to Sri Lanka legend Muttiah Muralitharan 🎉 pic.twitter.com/FIgK4XH5Of
मनदीप सिंह ढिल्लों की मदद से मुरलीधरन का टेस्ट पास
डॉक्टर ढिल्लों ने मुरलीधरन की गेंदबाजी एक्शन को सुधारने के लिए प्लास्टिक की ऐसी पट्टी तैयार की, जिसकी मदद से उन्होंने इससे छुटकारा पाया। इसके बाद उन्होंने बोलिंग एक्शन टेस्ट भी पास कर लिया। मुरलीधरन भी इसको लेकर डॉक्टर के शुक्रगुजार थे, तभी उन्होंने अपने विदाई टेस्ट मैच में डॉक्टर को निमंत्रण देकर बुलाया था।
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