पार्थिव पटेल ने अपने पूरे क्रिकेट जीवन में सिर्फ 9 उंगलियों से की भारत के लिये विकेटकीपिंग

भारतीय क्रिकेटर पार्थिव पटेल ने आज सभी क्रिकेट फॉरमेट से सन्यास लेने की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही उनकी खूबियां भी एक बार फिर से ताजा हो गई हैं। आप को बता दें, इंडियन क्रिकेट हिस्ट्री में एक ऐसा विकेटकीपर भी रहा है। जिसने भारत के लिये खेलते हुये अपने पूरे क्रिकेट जीवन में सिर्फ 9 उंगलियों के साथ ही विकेटकीपिंग की। उनका नाम पार्थिव पटेल है। पार्थिव पटेल ने किशोर अवस्था में ही भारतीय टीम के लिये बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया था। पार्थिव पटेल 2003 के वर्ल्ड कप में इंडियन क्रिकेट टीम का हिस्सा भी रहे थे। पर उन्हें इस दौरान भारतीय टीम में खेलने का मौका नहीं मिला था। इस टीम का नेतृत्व सौरव गांगुली कर रहे थे।
महेंद्र सिंह धोनी के टीम में आने के बाद 9 उंगलियों से अब तक विकेटकीपिंग कर रहे पार्थिव पटेल को कम मौके मिले। कुछ ही साल के बाद एमएस धोनी भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान बन गए व फिर पार्थिव पटेल भारतीय टीम के लिए ज्यादा नहीं खेल सके। पार्थिव पटेल को ही नहीं, एमएस धोनी के टीम में रहते हुये हुए भारत के अन्य विकेटकीपर भी ज्यादा मौके हासिल नहीं कर सके। हालांकि, विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने घरेलू क्रिकेट में लगातार योगदान दिया है।
पार्थिव पटेल को घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन का फल उनको मिला व साल 2018 में जोहानिसबर्ग टेस्ट मैच में उन्होंने टीम इंडिया के लिए वापसी की, पर उतने अच्छे साबित नहीं हुए। बहुत लोग जानते हैं कि वे लंबे समय से क्रिकेट खेल रहे हैं, पर बहुत कम लोग ये बात जानते हैं कि पार्थिव पटेल की बाएं हाथ की बेबी छोटी उंगली बचपन से ही नहीं है। पार्थिव पटेल ने उस घटना को याद करते हुए एक मौके पर बताया था कि जब वो 6 साल के थे तो उनकी यह उंगली पूरी तरह से कट गई थी। उनका बायां हाथ दरवाजे में फंस गया था व इस तरह उंगली को क्षति पहुंची थी। वहीं पार्थिव पटेल ने खुलासा किया था कि एक विकेटकीपर को 9 उंगलियों के साथ कीपिंग करना आसान नहीं था। क्योंकि छोटी उंगली ग्लव्स में फिट नहीं बैठती थी। इस उन्होंने कहा कि पर अच्छा लगा कि मैं 9 उंगलियों के साथ भी देश के लिए क्रिकेट खेला।
स्वयं को खुशनसीब मानते हैं पार्थिव पटेल
पार्थिव पटेल ने बताया था कि वो ग्लव्स पर टेप लगा लेते थे। जिससे उनको कोई परेशानी ना आये। हालांकि उन्होंने कहा था कि यह काफी कठिन है। क्योंकि उनकी आखिरी उंगली विकेटकीपिंग ग्लव्स में फिट नहीं बैठती थी। इसलिए उन्होंने इस पर टेप लगाना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा यह तकनीक उनके काम आई व इसके लिये वो स्वयं को खुशनसीब समझते हैं। जोकि उन्होंने 9 उंगलियां होने के बावजूद भी देश की टीम का प्रतिनिधित्व किया।
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