राहुल द्रविड़ ने साझा किया अनुभव, कहा- हमारे समय में दौरे पर गए सभी खिलाड़ियों को नहीं मिलता था मौका

खेल। अगले महीने जुलाई में श्रीलंका दौरे (Sri Lanka) पर जाने वाली भारतीय टीम (Team India) के हेड कोच और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) के निदेशक राहुल द्रविड़ (Rahul dravid) ने कहा कि जब वह भारत की अंडर-19 और 'ए' स्तर की टीमों के कोच थे तो उन्होंने सुनिश्चित किया था कि दौरे पर गए प्रत्येक खिलाड़ी को मैच खेलने का मौका मिले, जबकि उनके जमाने में ऐसा नहीं होता था। दरअसल भारत की युवा प्रतिभाओं को तराशने का श्रेय द्रविड़ को ही जाता है।
हालांकि, द्रविड़ अब भारत-ए और अंडर -19 टीमों के साथ नहीं जाते हैं, लेकिन इसकी शुरुआत उन्होंने ही की थी कि दौरे पर जाने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को मैच खेलने का मौका जरूर मिले। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'मैं उन्हें पहले ही बता देता था कि अगर आप मेरे साथ 'ए' टीम के दौरे पर आए हो तो फिर आप यहां से मैच खेले बिना नहीं जाओगे। जब मैं जूनियर स्तर पर खेलता था तो मेरे अपने अनुभव थे। 'ए' टीम के दौरे पर जाना और मैच खेलने का मौका न मिलना बहुत बुरा होता था।'
साथ ही उन्होंने कहा, 'आप अच्छा प्रदर्शन करते हो, आप 700-800 रन बनाते हो, आप टीम के साथ जाते हो और वहां आपको अपनी योग्यता दिखाने का मौका नहीं मिलता है। इसके बाद आपको चयनकर्ताओं का ध्यान खींचने के लिए अगले सत्र में फिर से वे 800 रन बनाने होते हैं।' द्रविड़ ने कहा, 'ऐसा करना आसान नहीं होता है, इसलिए इसकी कोई गारंटी नहीं कि आपको फिर से मौका मिलेगा। इसलिए आपको शुरू में खिलाड़ियों को कहना होता है कि यह सर्वश्रेष्ठ 15 खिलाड़ी हैं और हम इनके साथ खेलेंगे। भले ही यह सर्वश्रेष्ठ एकादश न हो, अंडर-19 स्तर पर हम मैचों के बीच पांच-छह बदलाव कर सकते हैं।'
वहीं द्रविड़ ने कहा कि भारतीय क्रिकेटरों को अब दुनिया में सबसे फिट माना जाता है, लेकिन एक जमाना था जब उन्हें फिटनेस का जरूरी ज्ञान नहीं था और वे ज्यादा चुस्त ऑस्ट्रेलियाई और दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों से ईर्ष्या करते थे। अब जब द्रविड़ राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में प्रमुख हैं, तब वह अगली पीढ़ी के क्रिकेटरों को तैयार करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS