BCCI अध्यक्ष रोजर बिन्नी के पिता थे रेलवे में गार्ड, वर्ल्ड कप रिकॉर्ड बनाने वाले इस क्रिकेटर के चौंका देंगे किस्से

रोजर बिन्नी (Roger Binny) भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के नए अध्यक्ष (President) बन गए हैं। आज मुंबई में हुई BCCI की एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में उन्हें बोर्ड की कमान सौंपी गई। रोजर बिन्नी की उम्मीदवारी का विरोध किसी ने नहीं किया, उन्हें निर्विरोध ही अध्यक्ष चुन लिया गया है। इससे पहले सौरभ गांगुली (Saurabh Ganguly) इस पद को संभाल रहे थे। रोजर बिन्नी अपने समय के बड़े क्रिकेटर रहे हैं। वे 1983 में वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम (world cup winning team) के सदस्य भी रहे हैं। बिन्नी अब तक कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के पद को संभाल रहे थे। आज हम आपको रोजर बिन्नी से जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें बताने वाले हैं, जो शायद आपको अब तक ना पता हों।
1983 वर्ल्ड कप में बनाया था रिकॉर्ड
रोजर बिन्नी ने 1979 पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाफ बेंगलुरू में टेस्ट मैच (test match) खेल कर अपने इंटरनेशनल करियर की शुरुआत की थी। बिन्नी 1983 में वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सदस्य भी रहे। इस दौरान उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में बहुत ही बेहतरीन प्रदर्शन किया था। टूर्नामेंट में खेले गये आठ मैचों में उन्होंने कुल 18 विकेट चटकाए थे, जोकि उस समय का रिकॉर्ड था। उनका ये रिकॉर्ड काफी समय तक कायम रहा था। वर्ल्ड कप में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 29 रन देकर 4 विकेट लेना था, जो उन्होंने ऑस्ट्रेलिया (Australia) के खिलाफ किया था। फिर फाइनल में भी वेस्टइंडीज (West Indies) के खिलाफ बिन्नी ने 10 ओवर में महज 23 रन देकर क्वाइव लॉयड जैसे बड़े खिलाड़ी का विकेट लिया था। इस तरह भारत की जीत में उनकी अहम भूमिका थी।
भारत के लिए खेलने वाले पहले एंग्लो-इंडियन
रोजर बिन्नी के पूर्वज मूलरूप से भारतीय नहीं थे। उनके परिवार का संबंध स्कॉटलैंड (Scotland) से हैं। हालांकि उनकी पिछली चार पीढियां भारत में रह रही थी, इसलिए उनका स्कॉटलैंड से किसी भी तरह का कोई संबंध नहीं है। रोजर भारतीय टीम के लिए खेलने वाले पहले एंग्लो-इंडियन (Anglo-Indian) है। रोजर बहुत ज्यादा संपन्न परिवार से ताल्लुक नहीं रखते थे। उनके पिता भारतीय रेलवे में गार्ड की नौकरी करते थे। इसके बावजूद रोजर बिन्नी ने देश के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेला और वर्ल्ड कप जिताने में भी अहम भूमिका निभाई।
पहला और आखिरी टेस्ट मैच पकिस्तान के खिलाफ
रोजर बिन्नी ने क्रिकेट में अपने इंटरनेशनल करियर (international career) की शुरुआत साल 1979 में बेंगलुरू में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच खेलकर की थी। इसके ठीक एक साल बाद 1980 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बिन्नी ने अपना पहला वनडे मैच खेला। पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में डेब्यू करने वाले रोजर ने अपना आखिरी टेस्ट मैच भी पाकिस्तान के खिलाफ ही खेला। संयोग से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे करियर की शुरुआत करने वाले रोजर बिन्नी ने अपना आखिरी मुकाबला भी ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही 1987 में खेला। इस दौरान 1979 से 1987 के बीच रोजर ने कुल 27 टेस्ट और 72 वनडे मैच खेले।
कई खेलों के एक्सपर्ट हैं बिन्नी
रोजर बिन्नी के पिता रेलवे में गार्ड की नौकरी करते थे। नौकरी के दौरान उनका लगातार तबादला होता रहता था। इससे रोजर की शिक्षा पर कोई फर्क न पड़े इसलिए बचपन में ही उन्हें सालेम के एक बोर्डिंग स्कूल में भेज दिया गया। रोजर बचपन से ही स्कूल में खेलों में बहुत रूचि लेते थे। वे स्कूल में हॉकी और फुटबॉल के अलावा लॉन्ग जंप, हाई जंप, शॉटपुट और जैवलिन थ्रो जैसे एथेलटिक्स के इवेंटों में भी हिस्सा लेते थे। जैवलिन थ्रो में तो रोजर ने 1973 में अंडर-18 खेलों में नेशनल रिकॉर्ड बनाया था। क्रिकेट उनके जीवन में काफी बाद में आया।
अंडर-19 टीम के कोच रहे, बेटा भी रहा है क्रिकेटर
क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद बिन्नी अंडर-19 क्रिकेट टीम (under-19 cricket team) के कोच (coach) भी रहे। साल 2000 में भारतीय टीम ने मोहम्मद कैफ (Mohammad Kaif) की कप्तानी में अंडर 19 वर्ल्ड कप जीता था। बिन्नी ही इस टीम के कोच थे। कोच के बाद उन्होंने क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन में आने का फैसला किया और कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन (Karnataka Cricket Association) का हिस्सा बन गए। 2012 में उन्हें नेशनल टीम का सेलेक्टर बनाया गया। इसी दौरान 2015 में उन्होंने वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया का चुनाव किया, जिसमें उनका बेटा स्टुअर्ट बिन्नी भी शामिल था। इसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था।
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