सौरव गांगुली का कप्तान बनना आसान नहीं था, तेंदुलकर के इस्तीफे से हुआ था गांगुली का रास्ता साफ -पूर्व सिलेक्टर

भारतीय क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने क्रिकेट करियर के दौरान कई ऐतिहासिक मैच और सीरीज भारत को जितवाए। सौरव गांगुली भारत के सर्वष्रेष्ठ कप्तानों में गिने जाते हैं, और उनके द्वारा बनाई गई टीम के कई क्रिकेटर्स ने लम्बे समय तक भारतीय क्रिकेट टीम के लिए खेला। एमएस धोनी की कप्तानी में जब भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप 2011 जीता, उसमे भी सौरव गांगुली द्वारा टीम में लाए गए क्रिकेटर्स मौजूद थे। वहीं सौरव गांगुली ने जब भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी संभाली तब टीम एक बुरे दौरे से गुजर रहा था।
सौरव गांगुली को लेकर कहा जाता है कि उन्होंने एक अच्छी टीम बनाने में अहम भूमिका निभाई, और टीम को विदेश में जीतना सिखाया। लेकिन सौरव गांगुली की कप्तान बनने की राह आसान नहीं थी, इसका खुलासा पूर्व क्रिकेट सिलेक्टर अशोक मल्होत्रा ने किया।
सौरव गांगुली को उपकप्तान बनाना ही मुश्किल था - अशोक मल्होत्रा
पूर्व सिलेक्टर ने कहा कि दुनिया के सबसे शानदार कप्तानों में शुमार सौरव गांगुली की राह इतनी आसान नहीं थी, पहले तो उन्हें उपकप्तान बनाने का कार्य ही मुश्किल था। उन्होंने कहा कि उस वक्त के कोच नहीं चाहते थे कि गांगुली को उप कप्तान बनाया जाए। सचिन तेंदुलकर के कप्तानी पद से रिजाइन करने के बाद सौरव गांगुली का रास्ता साफ हो गया था।
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सचिन तेंदुलकर के कप्तान पद से रिजाइन के बाद सौरव बने कप्तान
एक स्पोर्ट्स वेबसाइट से बातचीत में मल्होत्रा ने कहा कि हम नहीं जानते थे कि गांगुली कप्तान बनाए जाएंगे, क्योंकि सचिन तेंदुलकर कप्तान थे लेकिन सचिन तेंदुलकर के पद से हटने के बाद गांगुली का कप्तान बनने का रास्ता क्लियर हो गया था। उन्होंने कहा कि इस लाइन में अजय जड़ेजा और अनिल कुंबले भी थे।
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