T20 World Cup 2021 के लिए ICC तैयार कर रहा है नया प्लान, ये 20 टीमें ले सकती हैं हिस्सा

T20 World Cup 2021 के लिए ICC तैयार कर रहा है नया प्लान, ये 20 टीमें ले सकती हैं हिस्सा
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क्रिकेट को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) कई तरह की कोशिशें कर रहा है। इसी कड़ी में टी20 विश्व कप (ICC T20 World Cup) में हिस्सा लेने वाले देशों की संख्या बढ़ाकर 20 करने पर विचार किया जा रहा है।

खेल। क्रिकेट को वैश्र्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) कई तरह की कोशिशें कर रहा है। इसी कड़ी में टी20 वर्ल्ड कप 2021 (ICC T20 World Cup) में हिस्सा लेने वाले देशों की संख्या बढ़ाकर 20 करने पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, इस पर अमल 2024 में प्रस्तावित टी20 विश्व कप में किया जा सकता है। आईसीसी के प्लान के मुताबिक, 2024 में होने वाले टूर्नामेंट के पहले फेज में पांच टीमों को चार अलग-अलग ग्रुपों में रखा जाएगा। हर ग्रुप में एक या दो मजबूत टीमें हो सकती हैं। संभव है कि कमजोर टीमों के लिए क्वॉलिफायर राउंड रखा जाए। इस साल भारत में टी20 विश्व कप होना है। जबकि, इसमें 16 टीमें ही हिस्सा लेंगी।

ईएसपीएन क्रिकइंफो के मुताबिक, आईसीसी काफी समय से टी20 फॉर्मेट को क्रिकेट के विस्तार के जरिए के रूप में देख रहा है। इसे लेकर पहले भी चर्चा होती रही है। आईसीसी ने पहले ही महिला क्रिकेट टूर्नामेंट में टीमों की संख्या बढ़ाने की अपनी योजना की पुष्टि कर दी है।

ODI वर्ल्ड कप में भी बढ़ाई जाएगी टीमों की संख्या

दरअसल, ऐसा नहीं है कि आईसीसी सिर्फ टी20 फॉर्मेट के जरिए ही खेल को लोकप्रिय बनाने की कोशिश कर रहा है। उसकी कोशिश है कि क्रिकेट को ज्यादा से ज्यादा देशों तक पहुंचाया जाए। इसके लिए वनडे वर्ल्ड कप में भी टीमों की संख्या बढ़ाने पर भी विचार हो रहा है। अगर सब ठीक रहा, तो 2023 के बाद होने वाले वनडे वर्ल्ड कप में 10 की बजाए 14 देश हिस्सा लेंगे। वहीं 2019 में इंग्लैंड में हुए वर्ल्ड कप में 10 टीमों ने ही हिस्सा लिया था। फुल मेंबर होने के बाद भी जिम्बाब्वे और आयरलैंड जैसे देश इस टूर्नामेंट का हिस्सा नहीं थे। आईसीसी के इस कदम को ओलिंपिक में क्रिकेट की हिस्सेदारी से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

हर साल टीमों की संख्या बढ़ती-घटती रहती हैं

इसके साथ ही अगर बीते कुछ सालों को देखें, तो हर वनडे वर्ल्ड कप में टीमों की संख्या बढ़ने घटती गई है। 2007 के विश्व कप में 16 देशों ने हिस्सा लिया था। इसमें 10 फुल मेंबर्स और 6 एसोसिएट सदस्य थे। हालांकि, 2011 और 2015 में टीमों की संख्या घटकर 14 हो गई और 2019 के वर्ल्ड कप में 10 देशों ने ही हिस्सा लिया था। इसके पीछे उसका यही तर्क था कि ब्रॉडकास्टर्स नहीं चाहते थे कि कमजोर टीमों को शामिल करने के कारण टूर्नामेंट में ज्यादा एकतरफा मुकाबले हों। इसलिए वो फॉर्मेट को छोटा रखना चाहते थे।

अब ओलंपिक में भी खेला जाएगा क्रिकेट!

वहीं, आईसीसी और सदस्य देशों के बीच इसे लेकर बेहतर समझ बनी है कि खेल को बढ़ावा देने और उससे पैदा होने वाले राजस्व के बीच संतुलन बनाना जरूरी है। हाल ही में आईसीसी की चीफ एग्जीक्यूटिव कमेटी की मीटिंग में इन सभी विषयों पर चर्चा हुई थी। हालांकि, कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ। लेकिन फुल मेंबर देशों ने आईसीसी की इस सोच की तारीफ की है। इससे ओलिंपिक में क्रिकेट के शामिल होने का रास्ता भी साफ होगा और खेलों के महाकुंभ में क्रिकेट के शामिल होने से खेल को ग्लोबल पहचान मिलेगी और राजस्व के नए रास्ते भी खुलेंगे।

इसके साथ ही 2032 के ओलंपिक में (जिसके ब्रिसबेन में होने की संभावना है) क्रिकेट को शामिल किया जा सकता है। हालांकि, इसमें कितनी टीमें हिस्सा लेंगी और इसका स्वरूप कैसा होगा। इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। हालांकि, टी10 फॉर्मेट पर कई देश जोर दे रहे हैं। क्योंकि इससे ज्यादा से ज्यादा देश शामिल हो सकेंगे और कम समय में ओलिंपिक में क्रिकेट इवेंट पूरा कराया जा सकेगा।

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