Teachers Day 2019: अगर नहीं होते ये कोच तो क्रिकेट को नहीं मिलता 'भगवान' और टेनिस को सानिया मिर्जा

Teachers Day 2019 : टीचर्स डे 2019 किसी खिलाड़ी की सफलता के पीछे उनके कोच (Coach) का अहम योगदान रहा है। बुलंदियां हासिल करने के बाद कई खिलाड़ियों ने अपने कोच को इसका श्रेय दिया है। सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु (PV Sindhu) ने कई बार अपनी सफलता के पीछे अपने कोच के योगदान का जिक्र किया है। हर साल 5 सितंबर को पूरे देश में शिक्षक दिवस (Teachers Day 2019) मनाया जाता है। यह दिन भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है, जिनका जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था। शिक्षक दिवस के मौके पर हम आपको भारत के टॉप खिलाड़ियों के कोच के बारे में बताने जा रहे हैं।
1. रमाकांत आचरेकर- सचिन तेंदुलकर के कोच (Ramakant Achrekar- Sachin Tendulkar coach)
रमाकांत आचरेकर ने हमें खेल के इतिहास में सबसे महान क्रिकेटर दिया। भारत के सभी कोचों में रमाकांत आचरेकर जैसा शायद ही कोई प्रसिद्ध हुआ हो। सचिन की प्रतिभा को पहचानने वाले रमाकांत आचरेकर पहले व्यक्ति थे। आचरेकर सर से ही सचिन ने क्रिकेट का कह्करा सीखा। बचपन में जब सचिन नेट्स पर खेलते-खेलते थक जाते थे, तो आचरेकर स्टंप पर एक सिक्का रख देते थे और जो सचिन को आउट करता, वह सिक्का उसका हो जाता था। अगर कोई गेंदबाज ऐसा नहीं कर पाता था तो वह सिक्का सचिन का हो जाता था। सचिन अभी भी उन 13 सिक्कों को संजो रहे हैं, जो उन्होंने इस तरह से कमाए थे। सचिन के अलावा अचरेकर ने भारत के लिए खेलने वाले कई अन्य क्रिकेटरों को भी कोचिंग दी, जिनमें विनोद कांबली, अजीत अगरकर, प्रवीण आमरे और संजय बांगर शामिल थे।
2. पुलेला गोपीचंद- साइना नेहवाल और पीवी सिंधु जैसे खिलाड़ी (Pullela Gopichand- Saina Nehwal and PV Sindhu coach)
पुलेला गोपीचंद भारतीय इतिहास के सबसे महान बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक हैं। लेकिन एक खिलाड़ी के रूप में उनके शानदार करियर के समाप्त होने के बाद उन्होंने कोच बनकर स्टार खिलाड़ियों को तैयार किया है। पिछले 8 वर्षों में पुलेला गोपीचंद की अकादमी से सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन खिलाड़ी निकले हैं, जिसमें दो ओलंपिक पदक विजेता साइना नेहवाल और पीवी सिंधु समेत पारुपल्ली कश्यप और किदांबी श्रीकांत जैसे खिलाड़ी शामिल हैं।
3. इमरान मिर्जा- सानिया मिर्जा के पिता और कोच (Imran Mirza-Sania Mirza father and coach)
विभिन्न परेशानियों के बावजूद इमरान मिर्जा ने सानिया मिर्जा को टेनिस से दूर नहीं होने दिया। सानिया जब छह साल की थी तभी उनके पिता और कोच इमरान मिर्जा पहली बार सानिया को टेनिस कोर्ट ले गए। सानिया के अनुसार उनके पास खेल की गहरी समझ है और उन्होंने कुछ वर्षों में अपने कोचिंग कौशल में भी सुधार किया है। हालांकि सानिया ने जरूरत पड़ने पर कुछ अन्य कोचों के साथ भी काम किया है।
4. सतपाल सिंह- सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त के कोच (Satpal Singh- Sushil Kumar and Yogeshwar Dutt coach)
सतपाल सिंह छत्रसाल स्टेडियम में एक कुश्ती ट्रेनिंग सेंटर के संस्थापक हैं। सतपाल सिंह ने 1982 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। कुश्ती से रिटायर होने के बाद सतपाल सिंह ने दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में एक पहलवानी ट्रेनिंग सेंटर शुरू किया। उन्होंने भारत को सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त जैसे दो पहलवान दिए हैं। इन पहलवानों ने भारत को 3 ओलंपिक मेडल दिलाए हैं।
5. एल इबोमचा सिंह- एमसी मैरीकॉम के कोच (L Ibomcha Singh- MC Mary Kom coach)
भारतीय स्टार महिला मुक्केबाज एमसी मैरीकॉम के कोच एल इबोमचा सिंह ने राज्य के युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए मणिपुर में एक मुक्केबाजी अकादमी की स्थापना की है। इबोमचा सिंह खुद 1981 में मुक्केबाजी में नेशनल गेम्स में स्वर्ण पदक जीत चुके हैं। उन्होंने ओलंपिक कांस्य पदक विजेता एमसी मैरीकॉम और एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता डिंगको सिंह (Dingko Singh) जैसे खिलाड़ियों को कोचिंग दिया है। बता दें कि एमसी मैरीकॉम रिकॉर्ड छह बार विश्व मुक्केबाजी चैंपियन बनने वाली एकमात्र महिला हैं और साथ ही सात विश्व चैंपियनशिप में से प्रत्येक में पदक जीतने वाली एकमात्र महिला मुक्केबाज हैं।
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