WTC Final की राह नहीं आसान, विराट ब्रिगेड के खिलाफ न्यूजीलैंड का पलड़ा भारी

खेल। इस साल होने वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (World Test Championship) के फाइनल में भारतीय टीम (Indian team) और न्यूजीलैंड (NewZealand) के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है। दोनों टीमों के बीच यह मुकाबला इंग्लैंड (England) के साउथैम्पटन (Southampton) में 18 से 22 जून तक खेला जाएगा। वहीं, भारत और न्यूजीलैंड (Ind vs NZ) दोनों को फाइनल तक के सफर में सिर्फ एक सीरीज में हार झेलनी पड़ी। भारतीय टीम WTC की अंक तालिका (WTC table points) में पहले स्थान पर रही। जिसमें भारत के 72.2 प्रतिशत और 520 अंक रहे। तो वहीं न्यूजीलैंड 70 प्रतिशत और 420 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी। इसके साथ ही विराट कोहली (Virat Kohli) की भारतीय टीम इस समय नंबर वन टेस्ट टीम है। दूसरी ओर केन विलियमसन (Kane Williamson) की न्यूजीलैंड टीम दूसरे नंबर पर है। हालांकि, दोनों टीमों में से फेवरेट की बात की जाए, तो न्यूजीलैंड का पलड़ा फिलहाल मजूबत दिखाई दे रहा है। उसके पीछे का कारण एक नहीं बल्कि कई हैं।
इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की पिचों में समानता
हमेशा भारतीय बल्लेबाजों को एशिया के बाहर किए गए प्रदर्शन के आधार पर ही आंका जाता रहा है। ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका में पेस और बाउंस बल्लेबाजों को तकलीफ में डालती है। तो वहीं न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के पिचों में काफी समानताएं हैं, जहां गेंद काफी स्विंग होती है। जिसके चलते ट्रेंट बोल्ट, टिम साउदी और काइल जेमिसन इंग्लैंड की परिस्थितियों का फायदा उठाने की भरपूर कोशिश कर सकते हैं। साथ ही नील वैगनर की तेज और उछाल भरी गेंदें भी भारतीय बल्लेबाजों के लिए मुसीबत बन सकती हैं। वहीं, मेजबान न्यूजीलैंड ने भारत को पिछली टेस्ट सीरीज में 2-0 से हराया था। ऐसे में कीवी टीम के हौसले काफी बुलंद होंगे।
भारत को है पहला मुकाबला हारने की आदत
अगर साल 2018-19 के ऑस्ट्रेलिया के दौरे को छोड़ दिया जाए, तो भारत ने 2009 से दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज का पहला मैच नहीं जीता है। वहीं जब भारत ने पिछली बार इन देशों का दौरा किया था, तो इन टीमों के खिलाफ टेस्ट में उसे हार झेलनी पड़ी थी। ऐसे में यह भी कहा जा सकता है कि भारतीय टीम को विदेशी परिस्थितियों में ढलने में समय तो लगता है। हालांकि, इसके अलावा भारतीय टीम की खराब शुरुआत के पीछे और भी कई कारण हैं। जैसे, बात की जाए इंग्लैंड के पिछले दौरे पर चेतेश्वर पुजारा को पहले टेस्ट मैच से ड्रॉप कर दिया गया था। 2017-18 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले भारतीय टीम ने एक भी अभ्यास मैच नहीं खेला था। ऐसे में फाइनल मुकाबले में कीवी टीम के पास अच्छा मौका होगा जिससे वह भारत की इन कमजोरियों का फायदा उठाने का पूरी तरह से प्रयास करेगी।
कीवी टीम को तीन मैच खेलने का फायदा
दरअसल, न्यूजीलैंड की टीम को फाइनल मुकाबले से पहले दो टेस्ट और एक अभ्यास मैच खेलने हैं। 25 मई से कीवी टीम को समरसेट के खिलाफ प्रैक्टिस मैच खेलना है। इसके बाद 2 जून से उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ 2 टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है। ऐसे में फाइनल मुकाबले से पहले तीन मैच खेलने से न्यूजीलैंड को इंग्लैंड की परिस्थितियों का पूरी तरह अंदाजा हो जाएगा। तो वहीं दूसरी ओर, भारतीय टीम 2 जून को इंग्लैंड रवाना हो सकती है। इसके साथ ही भारतीय टीम इस बार बड़े स्क्वॉड के साथ इंग्लैंड जा रही है। ऐसे में भारत वहां की परिस्थितियों में खुद को ढालने के लिए आपस में दो अभ्यास मैच खेल सकती है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और अभ्यास मैच की तुलना करना बेईमानी जैसा होगा।
बहरहाल, भारतीय टीम एक अच्छे फॉर्म में है। अब उसकी ये अच्छी फॉर्म कीवी टीम के सामने टिक पाती है या नहीं ये तो WTC के फाइनल मुकबाले में देखने को मिलेगा।
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