फ्रांस या अर्जेंटीना कोई भी बने चैंपियन, लेकिन मिलेगी नकली सोने की ट्रॉफी, जानिये अजीब नियम

अर्जेंटीना और फ्रांस (Argentina and France) की टीमें आज यानी रविवार को फीफा वर्ल्ड कप (FIFA World Cup today) के फाइनल मुकाबले में आमने- सामने होंगी। दोनों टीमों के बीच यह खिताबी जंग कतर के लुसैल स्टेडियम में रात साढ़े 8 बजे शुरू होगी। लियोनेल मेसी की अर्जेंटीना टीम (Argentina team) अपने लंबे इंतजार को खत्म करके मैदान पर उतरेगी, वहीं गत चैंपियन कीलियन एमबाप्पे की फ्रांस टीम लगातार दूसरी बार खिताब जीतकर इतिहास रचने के इरादे से मैदान पर उतरेगी। आज यह मालूम हो जाएगा की किस टीम के पास फीफा वर्ल्ड कप (FIFA World Cup) की सोने से चमचमाती ट्रॉफी जाएगी।
नहीं मिलेगी असली ट्रॉफी
बहुत ही काम लोगों को पता है कि फीफा वर्ल्ड कप का खिताब जीतने वाली टीम को असली ट्रॉफी (FIFA World Cup title) नहीं दी जाती है बल्कि सोने की परत वाली एक नकली ट्रॉफी दी जाती है। बता दें कि साल 2005 में फीफा (FIFA) एक नया नियम लाया, जिसके तहत खिताब जीतने वाली टीम को ओरिजिनल ट्रॉफी नहीं दी जाती। हालांकि, फाइनल जीतने वाली टीम को कुछ देर के लिए असली ट्रॉफी रखने दी जाती है, लेकिन उसे तुरंत वापस ले भी लिया जाता है। प्राइज सेरेमनी के बाद विनर को ट्रॉफी (trophy) अधिकारियों को लौटानी होती है। इसके बदले एक डुप्लीकेट ट्रॉफी दी जाती है, जो ओरिजिनल की तरह ही दिखती है, जिसे रेप्लिका ट्रॉफी कहा जाता है। यह ट्रॉफी कांस्य (made of bronze) की होती है और उसपर सोने (gold) की परत लगी होती है।
क्यों लाया गया यह नियम
दरअसल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दो बार फीफा ट्रॉफी (FIFA trophy) चोरी हो चुकी है। एक बार ये ट्रॉफी जब खो गई थी, तो एक कुत्ते ने खोजकर दी थी। ट्रॉफी एक जगह कागज में लिपटी हुई पड़ी हुई थी। सुरक्षा के लिहाज से बाद में रियल ट्रॉफी की जगह रेप्लिका ट्रॉफी विजेता टीम (winning team) को दी जाती है। टूर्नामेंट के दौरान भी रेप्लिका ट्रॉफी ही रखी जाती है, बस फाइनल के समय रियल ट्रॉफी को स्टेडियम में लाया जाता है। ओरिजिनल ट्रॉफी को फीफा के हेडक्वार्टर (FIFA's headquarters) में रखा जाता है, जो स्विट्रजरलैंड में है।
ट्रॉफी की खासियत
इसके अलावा फीफा वर्ल्ड (FIFA World) की खासियत की बात करें तो ट्रॉफी का वजन लगभग 6.175 किलोग्राम है और इसे बनाने में 18 कैरेट गोल्ड यानी 75 प्रतिशत का इस्तेमाल किया गया है। ट्रॉफी की लंबाई 36.8 सेंटीमीटर और इसके सतह का व्यास 13 सेंटीमीटर है। ट्रॉफी के बेस पर मैलाकाइट स्टोन (malachite stone) की दो लेयर लगाई गई हैं। साल 1994 में इस ट्रॉफी में थोड़ा बदलाव कर विजेता टीम का नाम लिखने के लिए इसके निचले हिस्से में एक प्लेट लगाई गई थी।
विजेता को कितना पैसा मिलता
विजेता- 42 मिलियन डॉलर (347 करोड़ रुपये)
उप-विजेता- 30 मिलियन डॉलर (248 करोड़ रुपये
क्रोएशिया- 27 मिलियन डॉलर (223 करोड़ रुपये)
मोरक्को- 25 मिलियन डॉलर (206 करोड़ रुपये)
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