Birthday Special: 29 साल के हुए भारतीय हरफनमौला खिलाड़ी, पढ़िए कैसे हार्दिक को संघर्ष और मेहनत ने बनाया बेहतरीन क्रिकेटर

खेल: भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंटर हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) आज 29 साल के हो गए हैं। पांड्या के लिए ये साल बेहद खास रहा है, क्योंकि इसी साल उन्हें आईपीएल में गुजरात टीम (Gujarat team) की कप्तानी मिली और इस साल उन्होंने गुजरात को आईपीएल का खिताब दिलाया। भारत के हरफनमौला क्रिकेटर हार्दिक पांड्या ने अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी (batting and bowling) के दम पर कई बार सामने वाली टीम के सपनों को चकनाचूर किया है। इतना ही नहीं अपनी खतरनाक बॉलिंग से कई बार दुश्मनों के छक्के छुड़ाए हैं। अच्छे से अच्छा बल्लेबाज भी इनकी गेंदबाजी को देखकर घबराने लगता है।
खेल हो या स्टाइल, हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) ने कम समय में ही लोगों के बीच अपनी अलग पहचान बना ली। इतना ही नहीं हार्दिक आईपीएल में भी अपने शानदार खेल के बल पर भारतीय क्रिकेट टीम के चहेते खिलाडियों (favorite players) में शुमार हो चुके हैं। लेकिन बहुत ही कम लोग जानते हैं कि हार्दिक की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर हुआ करती थी। लेकिन उनके संघर्ष और मेहनत ने उनके सपनों को पूरा कर दिखाया (dream come true) है।
परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर
आज के दौर में पांड्या भाइयों यानी हार्दिक और क्रुनाल पांड्या (Hardik and Krunal Pandya) की लाइफस्टाइल सबसे महंगे सितारों जैसी है। हालांकि, ऐसा माना जाता है बचपन में उनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। घर की सीमित आमदनी में बच्चों के सपनों को पूरा करने के लिए घरवालों ने हर संभव प्रयास किया। पिता ने अपने दोनों बेटों हार्दिक और क्रुणाल पांड्या को उनके लक्ष्य को पाने के लिए कभी नहीं रोका। इतना ही नहीं हार्दिक की लगन को देखते हुए पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज किरण मोरे (Kiran More) ने 3 सालों तक उन्हें अपनी क्रिकेट एकेडमी (cricket academy) में उनको फ्री में ट्रेनिंग दी।
बच्चों के सपनों को पूरा करने के लिए कई चुनौतियों का सामना किया
ये कहना गलत नहीं होगा कि अगर हार्दिक के पिता हिमांशु पांड्या (Himanshu Pandya) नहीं होते तो शायद उनके दोनों बेटे भारत के लिए खेल पाने का सपना नहीं देख पाते। हार्दिक के पिता (Hardik's father) को क्रिकेट से काफी लगाव था। पिता ने बच्चों के सपनों को पूरा करने के लिए कई चुनौतियों का सामना किया और सारा काम धंधा छोड़कर बेटों के करियर के लिए सूरत से बड़ौदा (Surat to Baroda) जाकर बस गए। माता पिता की मेहनत रंग लाई और हार्दिक पांड्या को उनकी मेहनत का फल और मंजिल दोनों एक साथ मिल गए।
कपिल देव से की जाती है तुलना
इसके अलावा कई लोगों हार्दिक की तुलना महान क्रिकेटर कपिल देव (cricketer Kapil Dev) से करते हैं। क्रिकेट के पंडितों का भी यह मानना है कि रोहित शर्मा के बाद अगर किसी को भारतीय टीम की कप्तानी मिली तो हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) को मिलनी चाहिए। आज हार्दिक भारत के स्थापित क्रिकेटरों में शामिल हो चुके हैं। लेकिन उनकी जिंदगी और लगन इस बात का सबूत है कि सपने देखने वालों की मेहनत कभी खाली नहीं जाती है।
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