Ashes 2023: अंपायर नितिन मेनन ने भारतीय टीम पर लगाया बड़ा आरोप, कहा- निर्णय बदलने का बनाते हैं दबाव

Ashes 2023: अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) एलीट पैनल के एकमात्र भारतीय अंपायर नितिन मेनन (Nitin Menon) ने हाल ही में घरेलू मैचों में अंपायरिंग (Umpiring) के अपने अनुभवों के बारे में बताया है। मेनन ने खुलासा किया कि भारतीय टीम (Indian Cricket Team) अपनी प्रभावशाली साख के बावजूद अक्सर मैच अधिकारियों पर दबाव डालती है, जिससे अंपायरिंग का काम कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण हो जाता है। नितिन मेनन जल्द ही इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया (England vs Australia) के बीच चल रही मौजूदा एशेज 2023 (Ashes 2023) सीरीज के आखिरी तीन टेस्ट में अंपायरिंग करते नजर आएंगे। दिलचस्प बात यह है कि मेनन ने एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू (Interview) में बताया कि उन्हें भारत (India) की तुलना में विदेशी मैचों में अंपायरिंग करना ज्यादा आसान लगता है।
भारतीय खिलाड़ी डालते हैं दबाव
नितिन मेनन ने कहा "जब भारतीय टीम भारत में खेलती है, तो बहुत प्रचार होता है, भारतीय टीम के बहुत सारे स्टार प्लेयर्स (Star Players) हमेशा आप पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं। भारतीय खिलाड़ी (Indian Players) हमेशा 50-50 चांसेस वाले फैसलों को अपने पक्ष में लेने की कोशिश करते हैं, लेकिन अगर हम मैच में होते हैं, तो दबाव में खुद पर नियंत्रण रखते हैं। मैच के दौरान हम इस बात पर ध्यान नहीं देते कि खिलाड़ी क्या करने की कोशिश कर रहे हैं। खिलाड़ियों द्वारा बनाए गए दबाव से परेशान होने के बजाय मैं किसी भी स्थिति को संभालने के लिए काफी मजबूत हूं। इससे मुझे काफी आत्मविश्वास मिला है।” हालांकि, नितिन मेनन ने इस दौरान किसी भी क्रिकेट खिलाड़ी का नाम नहीं लिया।
जगवाल श्रीनाथ को बताया मददगार
मेनन ने बताया कि कैसे भारत के पूर्व तेज गेंदबाज से मैच रेफरी बने जवागल श्रीनाथ (Javagal Srinath) ने अंपायरिंग के करियर में उनकी काफी मदद की है। मेनन कहते हैं कि "उनके पास न केवल एक रेफरी के रूप में, बल्कि एक खिलाड़ी के रूप में भी बहुत अनुभव है। मुझे और अन्य भारतीय अंपायरों को उनसे बहुत कुछ सीखने को मिला है। वह एक ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने खेल को देखने के तरीके को बदल दिया है और हमें सिखाया है कि अंपायरिंग का काम कैसे बेहतर तरीके से किया जाता है। वह हमेशा कहते हैं कि एक अंपायर के रूप में खिलाड़ियों का सम्मान प्राप्त करना सर्वोपरि है। अगर खिलाड़ियों ने कुछ गलत किया है, तो उन्हें केवल दंडित करना नहीं है। वह हमें खिलाड़ियों का विश्वास हासिल करने की कोशिश करने की सलाह देते हैं।
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