दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम, सबसे महंगी लीग... फिर भी मैदान में पानी-पानी

इंडियन प्रीमियर लीग (Indian Premier League) भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) द्वारा संचालित दुनिया की सबसे महंगी क्रिकेट लीग है। इस लीग से जुड़ने वाला हर कोई करोड़ों रुपये कमाता है। वह चाहे खिलाड़ी हो, आईपीएल फ्रेंचाइजी (IPL Franchise) हो या स्पॉन्सर्स (Sponsors) और ब्रॉडकास्टर्स।
पिछले दिनों 29 मई को दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग कही जाने वाली आईपीएल (IPL) का फाइनल दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम नरेंद्र मोदी स्टेडियम (Narendra Modi Stadium) में खेला गया, जिसमें चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super kings) ने गुजरात टाइटंस (Gujarat Titans) को हराकर अपना 5वां आईपीएल टाइटल जीता। हालांकि, मुकाबले में हुई बारिश से मैच को रिजर्व डे (Reserve Day) पर टालना पड़ा। इसके बाद रिजर्व डे पर भी बारिश ने मैच के शुरू और बीच में अपना खेल दिखाया। इसके बाद दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम के संसाधनों और सुविधाओं की कलई खुल गई।
दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट बोर्ड द्वारा संचालित दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग और दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम (World Largest Cricket Stadium) में फाइनल मैच। इसके शुरू होने के कुछ पल पहले ही झमाझम बारिश ने कई दावों की पोल खोल दी। गुजरात टाइटंस (Gujarat Titans) बनाम चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super kings) का फाइनल मैच देखने के लिए एक लाख से अधिक लोग अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम पहुंचे थे। इसके बाद 9 बजकर 50 मिनट पर तेज बारिश आती है। इसके बाद ग्राउंडसमैन बड़ी मुश्किल से कवर्स को खींचते हुए पिच तक लेकर जाते हैं। पिच ढकने के बाद भी हवाओं की वजह से कवर्स बार-बार हट रहा था। जब तकरीबन 20 मिनट बाद बारिश रुकती है। तब कवर्स हटाते वक्त पिच के आसपास का हिस्सा काफी गीला हो गया था।
बारिश के समय स्टेडियम की तस्वीरें
Rain stops play in Ahmedabad 🌧️🌧️
— IndianPremierLeague (@IPL) May 29, 2023
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🚨 Update
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मैदान सुखाने के लिए 40 के करीब स्टाफ
बारिश के रुकने के बाद 40 से अधिक ग्राउंडसमैन स्टेडियम को सुखाने की कोशिश में लग जाते हैं। दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम में गिले मैदान को सुखाने के लिए न तो एक भी ढंग का संसाधन मौजूद था और नहीं ट्रेंड ग्राउंड्समैन। कर्मचारी स्टेडियम के गिले मैदान को सुखाने के लिए मैट्रेस और सोफे में इस्तेमाल होने वाले स्पंज और बाल्टी लेकर पहुंचते हैं और फिर मैदान को सुखाने की कोशिश करने लगते हैं। इस दौरान मैदान में स्टेडियम के छत से पानी टपक रहा था। स्टेडियम का कोई भी मैदानकर्मी मैदान सुखाने के लिए स्किल्ड और ट्रेंड नहीं था, जबकि स्टेडियम के निर्माण के वक्त से लेकर उद्घाटन तक बड़े-बड़े दावे किए गए थे, जिसमें भारी बारिश के बाद भी आधे घंटे में खेल शुरू करने से लेकर मैदान के जल निकासी के तमाम दावे धरे के धरे रह गए।
इसके पहले भी अपनाए जा चुके हैं ऐसे तरीके।
जब आग जलाकर सुखाई गई पिच
2007 में ऑस्ट्रेलियन टीम भारत के दौरे पर आई थी। कोच्चि में दूसरे वन-डे मैच के दौरान बारिश आती है, जिसमें पिच के आसपास के गीले मैदान को सुखाने के लिए ग्राउंड में आग लगा दी गई थी और मैदान सूखने तक आग को जलाकर रखा गया था।
कोयले का भी हुआ इस्तेमाल
2016 में जब इंग्लैंड की क्रिकेट टीम भारतीय दौरे पर आई थी तब चेन्नई में भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज का आखिरी टेस्ट मैच खेला जाना था। इस दौरान मैच से पूर्व पिच पर अधिक पानी डाले जाने के कारण पिच गीली रह गई थी। ऐसे में पिच को सुखाने के लिए अंगीठी में कोयले से आग लगाकर पिच पर जगह रखा गया और मैदान को सुखाया गया था।
भारत के अन्य स्टेडियम का हाल
भारत में भी कई और स्टेडियम हैं, जहां इस तरह की अव्यवस्था देखने को नहीं मिलती है। बैंगलोर का चिन्नास्वामी स्टेडियम और कोलकाता ईडन गार्डेन जैसे क्रिकेट स्टेडियम में ऐसे अव्यवस्थाएं देखने को नही मिलती हैं। इन मैदानों में जल निकास और मैदान को कवर करने और सुखाने की सुविधाएं नरेंद्र मोदी स्टेडियम की तुलना में कहीं बेहतर हैं।
लॉर्ड्स और ओल्ड ट्रैफर्ड में कैसी हैं सुविधाएं
इंग्लैंड के ओल्ड ट्रैफर्ड और ओवल जैसे स्टेडियम में होवर कवर, सोपर्स, वैक्यूम ड्रेनेज सिस्टम, सैंड बेस ड्रेनेज सिस्टम जैसी कई सुविधाएं मौजूद हैं। वहीं, भारत के किसी भी स्टेडियम में होवर कवर मौजूद नहीं है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच इंग्लैंड के साउथैंपटन में हुए 2021 के वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (World Test Championship) के फाइनल मैच में बारिश आने के बाद वहां ग्राउंड को कवर करने और सुखाने के लिए आधुनिक तरीके का इस्तेमाल किया गया था।
लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड का ड्रेनेज सिस्टम
• क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड को एक तरफ हल्के ढलान के साथ बनाया गया है। जिससे बारिश होने पर पानी एक तरफ निकल जाए।
• मैदान के बेस में रेतीली मिट्टी डाली गई है, जिससे बारिश का पानी आराम से सुख जाए और सतह पर गीलापन कम रहे।
• लॉर्ड्स में पिच को ढकने के लिए होवर रिवर्स का प्रयोग किया जाता है। यह पिच को पूरी तरह ढंक देता है और इसके इस्तेमाल में कवर्स की तुलना में कम मानव संसाधन का इस्तेमाल होता है।
क्या कहते हैं अधिकारी
आईपीएल के चेयरमैन अरुण धूमल ने कहा कि हवा तेज होने की वजह से पिच के आसपास पानी चला गया था। अहमदाबाद में इतनी बारिश कभी नहीं होती है। हालांकि, स्टेडियम का ड्रेनेज सिस्टम अच्छा होने की वजह बारिश रुकने के बाद मैदान सूख गया था।
गुजरात क्रिकेट एसोसिएशन के प्रवक्ता मनीष कहते हैं कि हमारे पास ग्राउंड पर सारे इक्विपमेंट्स हैं। जैसे ही बारिश शुरू हुई ग्राउंड्समैन दौड़ पड़े, लेकिन हवा तेज होने की वजह से कवर्स पूरी तरह से कवर नहीं कर पाए। उन्होंने कि पानी सुखाने के लिए शॉपर्स का इस्तेमाल किया गया। इसके बाद भी कई जगह मैदान गीला रह गया जिसके बाद स्पंज का इस्तेमाल किया गया।
वन-डे वर्ल्ड कप के लिए एजेंसी अप्वाइंट
आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल बताते हैं कि वन-डे (One-day Worldcup) की तैयारियों को मद्देनजर रखते हुए हमने ग्रैंट थोटर्न कंसल्टिंग एजेंसी को अप्वाइंट किया है, जो सारे वेन्यू का निरीक्षण कर रिपोर्ट सौंपेगी की किस स्टेडियम में क्या कमी है और हम उसे पूरा करेंगे।
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