Death Anniversary: गामा पहलवान ने 52 साल में नहीं हारी एक भी कुश्ती, राजा से लेकर अभिनेता ब्रुस ली तक थे प्रभावित

भारतीय के स्टार रेसलर यानी कुश्ती प्लेयर (WRESLER) गुलाम मोहम्मद बख्श को गामा पहलवान (Gama Pehalwan) या 'द ग्रेट गामा' के नाम से जाना जाता है। कुश्ती में रिंग के राजा रहे गुलाम मोहम्मद बख्श ने दारा सिंह से पहले ही रुस्तम-ए-हिंद का खिताब हासिल किया था। अपनी गेमिंग टेक्नीक की वजह से उन्होंने इंटरनेशनल स्तर पर सफलता हासिल की। 23 मई 1960 को 82 वर्ष की आयु में उन्होंने अंतिम सांस ली। आज उनकी Death Anniversary है।
गामा पहलवान का जन्म 22 मई 1878 में अमृतसर जिले के जब्बोवाल गांव में एक कश्मीर मुस्लिम परिवार में हुआ था। बचपन में उन्होंने पिता को खो दिया। उनके पिता की तमन्ना उन्हें पहलवान बनाने की थी। पिता की मौत के बाद चाचा के साथ जीवन बिताया। चाचा पहलवान थे, लिहाजा उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला था। अपने समय के एक प्रसिद्ध पहलवान के रूप में उभरे। जोधपुर में एक कुश्ती चैंपियनशिप में राजा को इतना प्रभावित किया कि कम्र उम्र होने की वजह से विजेता घोषित कर दिया।
ये अखाड़े में दस घंटे से अधिक समय तक प्रैक्टिस करते थे। साथ ही मैट पर पकड़ बनाने के लिए अखाड़े में एक दिन में 40 पहलवानों से कुश्ती लड़ते थे। उन्हें एक दिन में 5,000 स्क्वैट्स और 3,000 पुशअप्स करने के लिए जाना जाता था। उनकी इच्छाशक्ति और प्रशिक्षण ने प्रसिद्ध मार्शल आर्ट विशेषज्ञ और फिल्म स्टार ब्रूस ली को भी प्रेरित किया।
प्रिंस ऑफ वेल्स ने उनकी ताकत के लिए सम्मानित किया। 1910 में लंदन विश्व चैंपियनशिप के दौरान विश्व चैम्पियनशिप (रुस्तम-ए-ज़माना) का खिताब जीता। 52 साल के कुश्ती करियर में कभी किसी पहलवान से नहीं हारे और 'द ग्रेट गामा' का खिताब हासिल किया।Google डूडल ने गामा पहलवान के जन्मदिवस 22 मई, 2022 को Google ने डूडल भी बनाया था।
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