8 साल की नातिन ने PM Modi से की अपील, पहलवान नाना को पद्मश्री सम्मान दिए जाने की लगाई गुहार

खेल। देश के पहले अर्जुन अवार्डी पहलवान उदयचंद (Udaychand) की 8 साल की नातिन ने ऑस्ट्रेलिया (Australia) से एक वीडियो (Video) के जरिए पीएम मोदी (PM modi) से गुहार लगाई है। दरअसल इस वीडियो में उदयचंद की नातिन नायरा कुंडू (Naira Kundu) ने अपने नाना के लिए पीएम मोदी से पद्मश्री पुरस्कार (Padma Shree Award) देने की मांग की है। बता दें कि पहलवान उदयचंद तीन बार ओलंपिक (Olympic) में देश का नेतृत्व भी कर चुके हैं। इसके साथ ही टोक्यो (Tokyo) और मैक्सिको ओलंपिक (Mexico Olympics) में भारतीय टीम की कप्तानी भी की है। वहीं खुद पहलवान उदयचंद पिछले कई सालों से भारत सरकार से पद्मश्री अवॉर्ड पाने की कोशिश कर रहे हैं। बावजूद इसके किसी ने भी इसकी सुध नहीं ली है।
नातिन ने लगाई नाना के लिए गुहार
बता दें कि नायरा कुंडू अपने माता-पिता के साथ ऑस्ट्रेलिया में रहती हैं। वहीं उन्होंने नाना पहलवान उदयचंद को सम्मान दिलाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए पीएम मोदी से गुहार लगाई है। इस दौरान वीडियो में उन्होंने अपने नाना की उपलब्धियों का जिक्र भी किया है। इस वक्त उदयचंद की उम्र 86 वर्ष है और वह 23 जून 1935 को हरियाणा के जांडली गांव में एक किसान परिवार में पैदा हुए। इसके साथ ही उदयचंद लाइट वेट में विदेशी सरजमीन पर वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले पहले भारतीय हैं।
I request to @PMOIndia & @HMOIndia please consider this appeal 🙏 pic.twitter.com/bdHlF2vKp4
— SANGRAM U SINGH (@Sangram_Sanjeet) December 4, 2021
पहलवान उदयचंद ने 1960 रोम, 1964 टोक्यो और 1968 मैक्सिको ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया है। वहीं 1961 जापान के योकोहाम में लाइट वेट में उन्होंने कांस्य पदक अपने नाम किया था। इसके साथ ही वह विदेशी धरती पर पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। साथ ही उन्होंने 1962 जकार्ता इंडोनेशिया एशियन गेम्स में 2 रजत पदक जबकि 1970 स्कॉटलैंड कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा उदयचंद साल 1970 से 1995 तक हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी हिसार में बतौर कोच का पद भार संभाला।
डेमेंशिया बीमारी से जूझ रहे
फिलहाल उदयचंद डेमेंशिया नाम की बीमारी से जूझ रहे हैं। बता दें कि इस बीमारी के कारण व्यक्ति पुरानी बातों को भूल जाता है या उसे पुरानी बातें याद रख पाना मुश्किल होता है। लेकिन वो सबकुछ भूल चुके हैं बावजूद इसके की उन्हें आज तक पद्मश्री सम्मान नहीं मिला है जिसके वो हकदार हैं।
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