'स्वर्ण परी' हिमा दास संभालेंगी पुलिस की कमान, असम सरकार बनाएगी DSP

'स्वर्ण परी' के नाम से मशहूर और भारत की युवा महिला धावक हिमा दास को असम सरकार ने पुलिस की वर्दी पहनाने का फैसला किया है। दरअसल, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बुधवार को अपने कैबिनेट की मीटिंग में 21 वर्षीय हिमा दास को पुलिस उपाधीक्षक (DSP)बनाने का फैसला किया।
राज्य सरकार के प्रवक्ता एवं उद्योग मंत्री मोहन पटवारी ने बताया कि हिमा को असम पुलिस में डीएसपी बनाया जाएगा। जबकि ओलंपिक, एशियाई गेम्स और राष्ट्रमंडल खेलों के पदक विजेताओं को क्लास-I अधिकारी बनाया जाएगा।
असम के ढिंग गांव में जन्मीं हिमा वह IAAF वर्ल्ड अंदर-20 चैंपियनशिप के ट्रैक इवेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय एथलीट हैं। ढिंग एक्सप्रेस के नाम से मशहूर हिमा के नाम पर 400 मीटर दौड़ में राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी दर्ज हैं।
आसान नहीं था हिमा का सफर
हिमा के लिए यहां तक का सफर बिलकुल भी आसान नहीं था, उन्होंने असम के एक गांव से यहां तक का सफर तय किया। हिमा की इस सफलता के पीछे उनकी लगन, कड़ी मेहनत और हिम्मत का हाथ है।
वह असम में धान की खेती करने वाले एक साधारण किसान की बेटी हैं। वह रेसिंग ट्रैक पर कदम रखने से पहले लड़कों के साथ फुटबॉल खेला करती थीं और मैदान पर अपनी फुर्ती, दमखम और स्किल से उनको छका देती थीं। उनके कोच निपोन ने उन्हें पहली बार फुटबॉल मैदान पर लड़कों को छकाते हुए ही देखा था। इसके बाद वह हिमा के परिवार वालों से मिले और उनसे अपनी बेटी को एथलेटिक्स में भेजने के लिए कहा। हिमा का परिवार उनकी कोचिंग का खर्चा उठाने में असमर्थ था, तो करियर के शुरुआत में उनके कोच निपोन उनकी काफी मदद की।
हिमा दास गोल्ड मेडल जीतने के बाद इंडियन एथलीट्स के साथ एलीट क्लब में शामिल हो चुकी हैं। सीमा पुनिया, नवजीत कौर ढिल्लों और नीरज चोपड़ा की तरह वह एक ऐसी शख्सियत बनकर उभरी हैं, जिन्हें उनकी कामयाबी ने रातों रात लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचा दिया है। हिमा के कोच निपोन दास को पूरा विश्वास था कि उनकी शिष्या कम से कम टॉप थ्री में जरूर शामिल होगी। अब 400 मीटर की रेस में उन्होंने अपनी ताकत का पूरी दुनिया में लोहा मनवाया है।
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