Sunday Special: ओलंपिक में ऐसा है भारतीय महिलाओं का इतिहास, जानें किसने जीता देश के लिए पहला मेडल?

Sunday Special: टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) अपने आखिरी पडाव पर है, भारत की झोली में 7 मेडल आए। आज हम अपने संडे स्पेशल (Sunday Special) में उन महिलाओं की बात करेंगे जिन्होंने ओलंपिक इतिहास (Olympics History) में ना सिर्फ अपने प्रदेश बल्कि पूरे भारतवर्ष को गौरवान्वित किया है। दुनिया की 'आधी आबादी' कही जाने वाली महिलाएं आज ना सिर्फ अपने घर तक सीमित रह गई है बल्कि उन्होंने हर क्षेत्र में खूब नाम कमाया है। साथ ही खुद को साबित भी किया है कि वह किसी से कम नहीं हैं।
इस बार के ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने अपना बेहतर से बेहतर प्रदर्शन दिखाया है, चाहे पुरुष एथलीट हों या महिला एथलीट, हर किसी ने दुनिया को दिखा दिया है कि खेलों में भारत किसी से पीछे नहीं है। वहीं इस बार टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिलाओं ने अपना वर्चस्व स्थापित किया है। और देश और दुनिया को साबित कर दिखाया है कि अगर उन्हें भी मौका मिले तो वह भी किसी से कम नहीं हैं।
भारत की पहली महिला एथलीट जिसने जीता पहला मेडल
बता दें कि ओलंपिक इतिहास में भारत की पहली एथलीट रहीं कर्णम मल्लेश्वरी (Karnam malleswari) ने देश के लिए पहला पदक (कांस्य पदक) जीता था। ये पदक उन्होंने 49 किलो कैटेगरी की वेटलिफ्टिंग स्पर्धा में साल 2000 सिडनी ओलंपिक के दौरान जीता था। इसके बाद वह ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं थीं। इसके बाद से पूरा देश उन्हें 'द आयरन लेडी' के नाम से संबोधित करता है।
वहीं कई चुनौतियों का सामना करके टोक्यो ओलंपिक में जाना और फिर देश का नाम रोशन करना ये किसी खिलाड़ी के लिए बहुत बड़ा सम्मान है। इसी क्रम में इस बार टोक्यो ओलंपिक में 49 किलो कैटेगरी में मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग में शानदार प्रदर्शन कर देश को पहला सिल्वर मेडल दिलाया। इसके साथ ही वह भारत की तरफ से ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनीं जो कि इतिहास में देश के लिए प्रेरणादायक है।
बैडमिंटन में पहला पदक जीतने वाली पहली महिला खिलाड़ी
भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल (Saina Nehwal) ने 2012 के लंदन ओलंपिक में देश के लिए कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। इस मुकाबले में उन्होंने चीन की शिन वांग को विमेन सिंगल्स में हराकर देश के लिए पदक जीतकर कारनामा किया था।
वहीं इसके बाद 2016 रियो ओलंपिक (Rio Olympics 2016) में देश के लिए सिल्वर मेडल जीतकर पीवी सिंधु (PV Sindhu) देश की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं थी। इस दौरान उन्होंने इतिहास रच दिया था। टोक्यो ओलंपिक में पीवी सिंधु ने एक बार फिर पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवाया। उन्होंने टोक्यो में भारत की तरफ से बैडमिंटन में कांस्य जीता था।
बॉक्सिंग में महिलाओं ने रचा इतिहास
अक्सर किसी ना किसी को ये कहते हुए सुना होगा कि महिलाएं शादी और बच्चे होने के बाद किसी तरह का खेल नहीं खेल सकतीं, लेकिन इन सभी तरह की बातों का एक ही जवाब अगर किसी के पास है तो वह है भारत की स्टार बॉक्सर मैरी कॉम। जिन्होंने साल 2012 के लंदन ओलंपिक में देश के लिए कांस्य पदक जीत कर ये साबित कर दिया कि एक महिला किसी भी उम्र में कुछ भी कर सकती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उन्होंने 13 गोल्ड, 3 सिल्वर और 3 कांस्य पदक जीते हैं। हालांकि, वह टोक्यो में पदक जीतने में नाकामयाब रहीं।
वहीं भारत की बॉक्सिंग लिस्ट में एक और महिला बॉक्सर का नाम जुड़ चुका है वह है लवलीना बोरगोहेन। जिन्होंने इस बार टोक्यो ओलंपिक में देश को कांस्य पदक दिलाया है।
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