Sunday Special: जानिए पैरालंपिक में भारत का इतिहास, अब तक कितने पदक जीते?

Sunday Special: जानिए पैरालंपिक में भारत का इतिहास, अब तक कितने पदक जीते?
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24 अगस्त से टोक्यो में पैरालंपिक का आयोजन शुरु होने वाला है। वहीं अभी तक पैरालंपिक खेलों के इतिहास में भारत ने 12 पदक जीते हैं। जिसमें से चार गोल्ड, चार सिल्वर और चार कांस्य मेडल शामिल हैं।

Sunday Special: 24 अगस्त से टोक्यो पैरालंपिक (Tokyo Paralympics 2020) का आयोजन शुरु होने वाला है। वहीं अभी तक पैरालंपिक खेलों के इतिहास में भारत ने 12 पदक जीते हैं। जिसमें से चार गोल्ड, चार सिल्वर और चार कांस्य मेडल शामिल हैं।वहीं इस लिस्ट में दीपा मलिक इकलौती महिला एथलीट हैं। भारत के ओलंपिक इतिहास में जहां शुरुआत से ही भारतीय हॉकी टीम का वर्चस्व रहा है वहीं पैरालंपिक में व्यक्तिगत एथलीटों ने हमेशा देश का मान बढ़ाया है। पैरालंपिक खेलों की शुरुआत साल 1960 में हुई है। तब से अबतक इन खेलों के 11 सीजन हो चुके हैं।


पैरालंपिक में भारत का इतिहास

1968 में इजरायल के तेल अवीव में पैरालंपिक में भारत ने पहली बार प्रतिभाग किया। उस वक्त भारत की तरफ से कुल 10 एथलीटों ने भाग लिया। जिनमें से 8 पुरुष और दो महिलाएं थीं। हालाकिं, भारत उस दौरान खाली हाथ लौटा लेकिन बड़े मंच पर प्रदर्शन करना देश के पैरा-एथलीटों के लिए शानदार अनुभव था।

वहीं भारत को अपना पहला पैरालंपिक मेडल 1972 में जर्मनी के हीडलबर्ग गेम्स में भारत ने पैरालंपिक में अपना पहला पदक जीता। दरअसल भारत-पाक 1965 के युद्ध में अहम योगदान देने वाले मुरलीकांत पेटकर देश के पहले पैरालंपिक पदक विजेता हैं। उन्होंने पैरा तैराक के रूप में 37.33 सेकेंड के साथ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। 2018 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। लेकिन 1976 और 1980 के गेम्स में भारत ने हिस्सा नहीं लिया। इसके बाद सीधे 1984 के गेम्स में भारत ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई।


वहीं 1984 में सबसे ज्यादा पदक जीतकर भारत ने दुनिया के सामने अपना लोहा मनवाया। हालांकि, 1988 से 2000 तक भारतीय एथलीटों ने पोडियम तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष किया। एथेंस 2004 के खेलों में भारत के लिए पदकों का सूखा खत्म हुआ। इसमें भारत ने एक गोल्ड और एक सिल्वर पदक जीत 53वां स्थान हासिल किया।


जेवलिन थ्रो में देवेंद्र झाझड़िया ने 2004 में गोल्ड जीता जबकि राजिंदर सिंह ने 56 किलो कैटेगरी में पावरलिफ्टिंग के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता था। चार साल बाद बीजिंग में भी भारत को निराशा हाथ लगी।


2012 और 2016 के पैरालंपिक में शानदार प्रदर्शन

लंदन पैरालंपिक 2012 में एचए गिरीशा ने पुरुषों की ऊंची कूद में सिल्वर पदक जीत उस सीजन में देश के लिए एकमात्र पदक हासिल किया था। फिर 2016 के रियो पैरा गेम्स में भारतीय एथलीटों ने चार पदक के साथ अपना सर्वक्षेष्ठ प्रदर्शन किया। जिसके बाद इन मेडल्स ने भारतीय पैरा-एथलीट्स को मजबूती देने का काम किया।


टोक्यो पैरालंपिक में भारत

टोक्यो पैरालंपिक 2020 में भारतीय एथलीटों ने पहले से ही तीरंदाजी, एथलेटिक्स के साथ ही निशानेबाजी की 14 प्रतियोगिताओं में 20 स्थानों में अपनी जगह पक्की की है। इनमें हरविंदर सिंह और विवेक चिकारा पैरालंपिक के लिए क्वालिफाई करने वाले देश के पहले पुरुष तीरंदाज बने हैं। इसके साथ ही रियो 2016 में गोल्ड मेडल जीतने वाले मरियप्पन थंगावेलु इस बार टोक्यो में भारत के नेतृत्व करने वाले दल का हिस्सा होंगे। रियो के बाद भारत को टोक्यो में भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।

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