विश्व कप क्वालिफायर टेंट पेगिंग में घपला, नेपाल की टीम निकली फर्जी, भारतीय टीम के खिलाफ जीता गोल्ड

खेल। अगर हम ये कहें कि एक मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट (International Tounament) में घपलेबाजी हुई है। तो शायद यकीन करना मुश्किल होगा। लेकिन हकिकत यही है। दरअसल ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) में 15 से 18 मार्च को हुए विश्व कप क्वालिफायर टेंट पेगिंग (Tent Pegging World Cup Qualifier) में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। इस टूर्नामेंट (Tounament) में भारतीय घुड़सवारों को नेपाल (Nepal) की फर्जी टीम के साथ खिला दिया गया। और तो और इस फर्जी टीम ने पदक भी जीत लिए। जिसके बाद भारतीय घुड़सवारी संघ (IFI) ने भारतीय घुड़सवारों को नेपाल की टीम से खिलाने की बात भी स्वीकार ली है। इसी के साथ ईएफआई (IFI)ने इस मामले में जांच बिठाने की भी बात कही है।
बता दें कि, इस टूर्नामेंट में भारत, बेलारूस, अमेरिका, पाकिस्तान और नेपाल की टीमें खेली थीं। जिसे भारत ने जीतकर विश्व कप के लिए क्वालीफाई कर लिया। वहीं नेपाल की ओर से इस विश्व कप में खेलने वाले योगेंदर, गोलम, विनय और कपिल की तलाश करने पर पता चला कि, यह सभी तो भारतीय हैं। इन सभी के पास भारत की नागरिकता है। यहां तक कि, इनमें से एक तो बिहार पुलिस में काम करते हैं, और घुड़सवारी के कोच भी हैं। जबकि, बाकी के तीनों स्कूली छात्र बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही नेपाल के एक घुड़सवार ने बताया कि उन फर्जी घुड़सवारों में से एक ने कहा कि उन्हें टूर्नामेंट में खेलना है। उन्हें यह भी बताया गया कि नेपाल की टीम से वह खेलेंगे। हालांकि, उन्हें अभी पदक जीतने के प्रमाण पत्र नहीं मिले हैं।
अंतरराष्ट्रीय फेडरेशन ने किया डिस्क्वालिफाई
ईएफआई (IFI) के महासचिव जयवीर सिंह ने स्वीकार किया कि नेपाल की टीम से भारतीय घुड़सवार टूर्नामेंट में खेले हैं। उन्हें पता नहीं है कि यह कैसे संभव हुआ, लेकिन उनकी ओर से इस मामले को अंतरराष्ट्रीय टेंट पेगिंग फेडरेशन (International Equestrian Federation) के समक्ष रखा गया। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय फेडरेशन ने नेपाल की टीम को डिसक्वालिफाई कर दिया। साथ ही जयवीर का कहना है कि, संघ मामले की जांच करा रहा है। नेपाल घुड़सवारी संघ भी जांच करवाने जा रहा है।
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