Tokyo Olympic: ध्वजवाहक बनने की रेस में पीवी सिंधु सबसे आगे, महीने के अंत में होगी घोषणा

खेल। भारतीय स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी (Indian badminton) और रियो ओलंपिक (Rio Olympic) की रजत पदक विजेता पीवी सिंधु (PV sindhu) टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympic) के लिए भारतीय दल के दो ध्वजवाहकों में से एक की दौड़ में सबसे आगे हैं।
दरअसल इस बार भारत 23 जुलाई से शुरू हो रहे टोक्यो ओलंपिक उद्घाटन समारोह के लिए एक पुरुष और एक महिला खिलाड़ी को ध्वजवाहक बनाएगा। जिसकी आधिकारिक घोषणा इस महीने के अंत में होगी, लेकिन यह लगभग सुनिश्चित लग रहा है कि सिंधु ध्वजवाहक होंगी। वहीं भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के एक सूत्र ने पीटीआई से कहा, 'सिंधु के ध्वजवाहक बनने की उम्मीद है।' हालांकि ऐसा कोई नियम नहीं है, लेकिन ऐसी प्रथा रही है कि पिछले चरण के पदक विजेता को हमेशा अगले चरण का ध्वजवाहक बनाया गया है। इसके साथ ही पिछले चरण में दो पदक विजेता थीं, जिसमें से एक पहलवान साक्षी मलिक इस चरण के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकी हैं।
हालांकि पुरुष खिलाड़ियों में यह स्पष्ट नहीं है कि कौन ध्वजवाहक होगा। कुछ बड़े नामों में नीरज चोपड़ा, टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल, पहलवान बजरंग पूनिया, मुक्केबाज अमित पंघल शामिल हैं। बता दें कि रियो डि जिनेरियो में हुए पिछले चरण में कोई भी पुरुष एथलीट पदक हासिल नहीं कर सका था।
गौरतलब है कि भारत की ओर से सिंगल्स वर्ग में पीवी सिंधु (PV Sindhu) और बी साई प्रणीत (B Sai Praneeth) देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। वहीं पुरुष डबल्स में चिराग शेट्टी (Chirag Shetty) और सात्विकसाईंराज रंकीरेड्डी भी क्वालिफाई कर चुके हैं। इन सभी खिलाड़ियों में फैंस की पसंदीदा पीवी सिंधु (PV Sindhu) से सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं। साल 2016 में रियो ओलिंपिक में पीवी सिंधु फाइनल पहुंचीं थी। फाइनल में कैरोलिना मारिन ने उन्हें मात दी।
वहीं मारिन इस साल भी ओलिंपिक गोल्ड जीतने की सबसे बड़ी दावेदार थी। हालांकि चोट के कारण मारिन ओलिंपिक से नाम वापस ले चुकी हैं। मारिन भले ही ओलिंपिक में नहीं होगी लेकिन पीवी सिंधु के लिए फिर भी ओलिंपिक मेडल की राह आसान नहीं होगी। पांच ऐसे खिलाड़ी है जो टोक्यो ओलिंपिक में सिंधु के लिए बड़ी चुनौती होंगे।
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