Tokyo Olympics: हॉकी में जादू बिखेरने को तैयार हैं हरियाणा की ये बेटियां, देश के लिए जीतेंगी मेडल!

खेल। हरियाणा में लड़कियों का 1000 पुरुषों पर सिर्फ 877 महिला यानि लैंगिक अनुपात भले ही आज देश में सबसे खराब हो। बावजूद इसके हरियाणा की बेटियां खेल जगत में खूब नाम कमा रही हैं। 23 जुलाई से शुरु होने वाले टोक्यो ओलंपिक में 16 सदस्यीय भारतीय महिला हॉकी टीम की कमान भी हरियाणा की ही बेटी रानी रामपाल संभालेंगी। रानी रामपाल के साथ टीम में हरियाणा की ही नौ ऐसी खिलाड़ी शामिल हैं, जो हॉकी स्टिक से पूरी दुनिया में अपना कमाल दिखाएंगी।
ये खिलाड़ी अपनी अलग-अलग तकनीक से खेल के मैदान में बेहतर से बेहतर आलराउंडर प्रदर्शन करने में माहिर हैं।
सविता पूनिया- भारतीय महिला हॉकी टीम में सविता पूनिया सबसे बहतरीन गोलकीपर है, जिसके नाम दुनिया की नंबर-1 गोलकीपर का खिताब है और उन्हें अर्जुन अवार्ड से सम्मान भी मिल चुका है। हरियाणा के सिरसा जिले के जोधका गांव में 11 जुलाई 1990 को जन्मीं सविता को उनके दादा रंजीत पूनिया ने महज छह साल की उम्र में हॉकी की स्टिक पकड़ा दी थी। सविता के परिवार की माली हालत इतनी खराब थी कि उन्हें गोलकीपिंग की किट भी रिश्तेदारों से पैसे लेकर खरीदनी पड़ी। 18 साल की उम्र में उन्होंने नेशनल टीम में अपनी जगह पक्की कर ली और 2009 में जूनियर एशिया कप में टीम को कांस्य पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई। सविता के कोच सुंदर सिंह ने उनकी प्रतिभा को पहचानते हुए उन्हें गोलकीपिंग का प्रशिक्षण दिया है। कोच के साथ ही सविता के गांव और परिवार को उन पर पूरा भरोसा है कि वह देश के लिए पदक हासिल करेंगी।
नवनीत कौर- वहीं भारतीय हॉकी टीम में अग्रिम पंक्ति की खिलाड़ी नवनीत कौर का जन्म कुरुक्षेत्र जिले में शाहबाद मारकंडा में 26 जवरी 1996 को सरदार बूटा सिंह के परिवार में हुआ। जिन्होंने पांच साल की उम्र से ही हॉकी में करियर बनाने की सोची जिसके कारण उन्होंने अभी तक 79 मैच खेले हैं। उनकी स्कोरिंग पावर अच्छी होने के साथ ही टीम के भीतर बेहतर प्रदर्शन रहा है। नवनीत फारवर्ड हॉकी खिलाड़ी हैं और उनके खेल में हॉकी की कलात्मकता का भरपूर समावेश है। वर्ष 2013 में जूनियर विश्वकप में नवनीत के बेहतरीन प्रदर्शन के कारण ही उन्हें 2014 में सीनियर टीम में जगह मिली। वहीं 2018 विश्वकप में भी वह महिला भारतीय टीम का हिस्सा रहीं। एशिया कप, एशियाई खेलों और एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन करने वाली नवनीत का सपना विश्व का सर्वश्रेष्ट स्ट्राइकर बनना है। ओलंपिक में पहली बार खेलने जा रही नवनीत का लक्ष्य बेहतर प्रदर्शन कर भारत को पदक दिलाना है।
उदिता- टोक्यो ओलंपिक के लिए भारतीय महिला हॉकी टीम में शामिल उदिता का जन्म 4 जनवरी 1998 को हिसार में जसबीर सिंह के परिवार में हुआ। उन्होंने बेहद कम उम्र से ही हॉकी खेलना शुरू कर दिया था। पहले उन्होंने स्कूल में हैंडबॉल खेला, लेकिन हैंडबॉल के लिए उन्हें कोच नहीं मिला। इसके बाद स्कूल के मैदान में लड़कियों को हॉकी खेलते देखा तो हॉकी खेलने की ठान ली। लेकिन उनकी राह बेहद मुश्किल रही, 2015 में पिता के निधन से पूरी तरह टूट चुकी उदिता को मां गीता देवी ने संभाला और हॉकी के लिए उनका हौसला बढ़ाया। सीनियर टीम के लिए 2017 में पदार्पण करने वाली उदिता 2018 एशियाई खेलों में रजत पदक विजेता टीम का हिस्सा थीं। वहीं बेहतर प्रदर्शन की बदौलत ओलंपिक में उसकी निगाहें टीम को गोल्ड मेडल दिलाने पर है।
शर्मिला गोदारा- महिला हॉकी टीम में हिसार के कैमरी गांव में किसान सुरेश गोदारा के परिवार में जन्मी शर्मिला गोदारा पहली बार ओलंपिक में खेलेंगी। शर्मिला ने शुरुआत में 2009 से 2012 तक राज्य स्तर पर मैच खेले। इसके बाद 2012 से 2016 तक चंडीगढ़ हॉकी एकेडमी में उनका चयन हुआ। अपने प्रदर्शन की बदौलत उन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पदक जीते हैं। 2016 से अब तक पूर्व भारतीय कप्तान, कोच और अर्जुन अवार्डी प्रीतम और उनके पति अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी कुलदीप सिवाच की देखरेख में शर्मिला ने काफी अभ्यास किया। पिछले दो-तीन साल से सोनीपत हॉकी एकेडमी में रहकर सोनीपत से ही खेल रही थी। शर्मिला अग्रिम पंक्ति में खेलती है और स्पीड के साथ गेंद को आगे ले जाने में माहिर है।
मोनिका मलिक- टोक्यो ओलंपिक के लिए चयनित भारतीय महिला हॉकी टीम की प्रमुख खिलाड़ी मोनिका मलिक का जन्म 5 नवंबर 1993 को सोनीपत जिले के गांव गामडी में तकदीर सिंह मलिक के परिवार में हुआ। मोनिका ने बचपन में गांव की गलियों में खेलते हुए पहली बार हॉकी पकड़ी थी। तब उनकी दादी चंद्रपति ने पहली ही नजर में पोती की प्रतिभा को परख लिया था। मोनिका ने लगातार मेहनत करके सीनियर टीम में जगह बनाई। इससे पहले उन्होंने जिला और राज्य स्तर की जूनियर टीमों में खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया। वर्ष 2013 में जर्मनी में हुए जूनियर महिला हाकी विश्व कप में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रही। मोनिका को मिड फील्डर के तौर पर लंबा अनुभव है और वह अटैकिंग खेल में बेहतर प्रदर्शन करने में माहिर है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS